Edited By ,Updated: 20 Apr, 2015 02:36 AM
भारत माता के अमर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े कुछ दस्तावेजों के अंश सामने आने के बाद देशवासियों के मन में एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है
नई दिल्ली: भारत माता के अमर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े कुछ दस्तावेजों के अंश सामने आने के बाद देशवासियों के मन में एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी रहस्यमयी मौत से निकट भविष्य में पर्दा उठ पाएगा। नेताजी की मात्र 48 वर्ष की उम्र में 18 अगस्त 1945 को ताईवान के फोरमोसा में एक विमान दुर्घटना में मौत होने की बात कही गई है। इसकी जांच के लिए सरकार अब तक 3 आयोग गठित कर चुकी है। आजादी से पहले भी गवर्नर जनरल लॉर्ड माऊंटबेटन ने एक जांच समिति गठित की थी लेकिन उनकी मौत के रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है।
नेताजी की मौत को लेकर देश में कई तरह की किवदंतियां बन चुकी हैं। नेताजी से जुड़ी कुछ फाइलें सरकार के पास हैं जिन्हें वह यह कह कर सार्वजनिक करने से इन्कार करती रही है कि ऐसा करने से मित्र देश के साथ संबंधों पर असर पड़ सकता है। इन फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग एक बार फिर उठी है लेकिन उनके सार्वजनिक होने से भी पता चल पाएगा कि क्या वाकई नेताजी उस विमान दुर्घटना में मारे गए थे या साइबेरिया की जेल में भेज दिए गए थे या गुमनामी बाबा के रूप में भारत में आजादी के बाद जीवन व्यतीत करते रहे।
मोदी सरकार ने सरकारी गोपनीय फाइलों को सूचना के अधिकार के तहत सार्वजनिक करने पर विचार करने के लिए एक समिति गठित कर दी है और गत दिनों उसकी पहली बैठक भी हो चुकी है।