Edited By ,Updated: 23 Apr, 2015 02:56 PM
करियर के शिखर पर पहुंचने की चाह हर किसी को होती है। मनचाही इच्छा की पूर्ति होने से मन को असीम प्रसन्नता प्राप्त होती है लेकिन
करियर के शिखर पर पहुंचने की चाह हर किसी को होती है। मनचाही इच्छा की पूर्ति होने से मन को असीम प्रसन्नता प्राप्त होती है लेकिन जब प्रयास करने के उपरांत भी मनचाही सफलता प्राप्त नहीं होती तो लोग अपने भाग्य को कोसते हैं और अपनी किस्मत मानकर बैठ जाते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम है कि जीवन में सफलता पाने के लिए अपने भीतर इच्छा शक्ति को जागृत करना बहुत अवश्यक होता है। यह सफलता का मुख्य सूत्र है। किसी भी कार्य की सफलता में जितना बड़ा योगदान हमारे अभ्यास और परिश्रम का होता है, उतना ही आत्मविश्वास का भी होता है। इच्छाशक्ति सफलता की कुंजी है, इसलिए अपने भीतर इसे पैदा करें। अपने करियर को मनचाहे शिखर तक ले जाने के लिए इस मंत्र का जाप लाभदायक साबित हो सकता है।
क्लीं देवकीनन्दाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्णः प्रचोदयात् क्लीं।
कृष्ण गायत्री मंत्र कर्म की सक्रियता को संबोधित करता है। इस मंत्र से कार्यक्षेत्र के प्रति समर्पण उत्तपन्न होता है। निस्वार्थ व मोह से दूर रहकर करियर में अग्रसर होने हेतु कृष्ण गायत्री में काम बीज लगाने से कर्मक्षेत्र प्रबल होता है तथा व्यक्ति प्रोफेशन मे सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ता जाता है।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com