25 लाख क्विंटल गेहूं पर मंडराए खतरे के बादल

Edited By ,Updated: 25 Apr, 2015 02:57 PM

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मौसम की मार के बाद अब किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने के लिए सरकार और प्रशासन की मार झेलनी पड़ रही है

चंडीगढ़ः मौसम की मार के बाद अब किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने के लिए सरकार और प्रशासन की मार झेलनी पड़ रही है जिसके नतीजतन देश का अन्नदाता किसी जगह आत्महत्या करने के लिए तो कहीं धरने-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहा है।

जानकारी के अनुसार पंजाब की मंडियों में अभी तक 25 लाख क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा हुआ है और उसे बचाने के लिए  पंजाब मंडी बोर्ड क रुपया भी खर्च नहीं कर रहा। इतना ही नहीं बोर्ड ये सारी जिम्मेदारी आढ़तियों पर डाल रहा है, जिनके पास खुद तिरपालें ही नहीं है। मौसम विभाग ने एक बार फिर से 27 व 29 को तेज बारिश आने की संभावता जतार्इ है। 

उधर, अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजैंसियों द्वारा गत 3 दिनों से गेहूं की खरीद न करने तथा खरीदी गई गेहूं की लिफ्टिंग न होने के कारण जहां किसानों एवं आढ़तियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं पंजाब सरकार के दावों की पोल खुल चुकी है। सरकार और प्रशासन की इस बेरुखी से तंग आकर हर रोज किसान सड़क पर धरना लगाने के लिए मजबूर हैं। 

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