Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Apr, 2020 06:20 AM
शिव ही सर्वप्रथम देव हैं, जिन्होंने पृथ्वी की संरचना की तथा अन्य सभी देवों को अपने तेज से तेजस्वी बनाया। मान्यता है की भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। भगवान शिव पंच देवों में सूर्य, गणेश, गौरी, विष्णु और शिव के प्रधान देव हैं।
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शिव ही सर्वप्रथम देव हैं, जिन्होंने पृथ्वी की संरचना की तथा अन्य सभी देवों को अपने तेज से तेजस्वी बनाया। मान्यता है की भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। भगवान शिव पंच देवों में सूर्य, गणेश, गौरी, विष्णु और शिव के प्रधान देव हैं। शिव पुराण कथा के अनुसार शिव ही ऐसे भगवान हैं, जो शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वर दे देते हैं। भोलेनाथ के मंत्र जाप से उनका प्रेम और आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे साधक अपनी कामना की पूर्ति करके जीवन में सफलता-सुख-शांति प्राप्त करता है। भगवान शिव के प्रिय वार रवि प्रदोष को रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से सुख, अपार धन, संपदा, अखंड सौभाग्य और प्रसन्नता में वृद्धि होती है।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
शिव जी की अराधना सुबह में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए।
शाम में शिव साधना पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए।
अगर आप रात्रि में शिव उपासना करते हैं तो आपका मुंह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
श्रद्धा-भक्ति से किया गया शिव पूजन सम्पूर्ण कामनाओं को सिद्ध करता है। भगवान शिव का ये मंत्र जाप खुशियों से भर देगा आपका घर-
एकाक्षरी महामृत्युंजय मंत्र- 'हौं'
त्रयक्षरी महामृत्युंजय मंत्र- 'ऊं जूं स:'
चतुराक्षी महामृत्युंजय मंत्र- 'ऊं हौं जूं स:'
दशाक्षरी महामृत्युंजय महामंत्र- 'ऊं जूं स: माम पालय पालय'
मृत संजीवनी महामंत्युंजय मंत्र- ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!