Edited By ,Updated: 26 Apr, 2015 04:43 PM
पूरी दुनिया में इस बात की बहस छिड़ी है कि स्कूलों में यौन शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए या नहीं लेकिन वहीं डेनमार्क के एक सैक्स विशेषज्ञ ने कक्षा में ही पॉर्न फिल्में दिखाए जाने की सलाह दे डाली है।
लंदनः पूरी दुनिया में इस बात की बहस छिड़ी है कि स्कूलों में यौन शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए या नहीं लेकिन वहीं डेनमार्क के एक सैक्स विशेषज्ञ ने कक्षा में ही पॉर्न फिल्में दिखाए जाने की सलाह दे डाली है।
समाचार पत्र 'द गार्डियन' में प्रकाशित रिपोर्ट में आलबोर्ग विश्वविद्यालय के प्रफेसर क्रिस्टियन ग्रॉगार्ड के हवाले से कहा गया है कि इससे बच्चों को कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार उपभोक्ता बनाने में मददगार साबित हो सकती है और बच्चे पॉर्न तथा वास्तविक जीवन के यौन संबंध के बीच के अंतर को ज्यादा अच्छी तरह समझ सकते हैं।
आपको बता दें कि डेनमार्क में 1970 से ही यौन शिक्षा स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा है और कई स्कूलों के पाठ्यक्रमों में तो पॉर्न को भी शामिल कर लिया गया है। डेनमार्क दुनिया का पहला देश है, जिसने 1967 में सबसे पहले पोर्न से प्रतिबंध समाप्त कर दिया था हालांकि डेनमार्क के सभी स्कूलों में अभी इसे शुरू नहीं किया गया है।
प्रोफेसर ग्रॉगार्ड के अनुसार, ''अब हम अनुसंधान के जरिए जान चुके हैं कि अधिकांश किशोर पोर्न काफी कम उम्र से ही पोर्न से परिचित हो चुके होते हैं। इसका मतलब यह है कि आप उन्हें कक्षा में पहली बार पोर्न नहीं दिखाएंगे।''