Edited By ,Updated: 26 Apr, 2015 05:14 PM
उद्योग संगठन एसोचैम ने देश में किसानों की बदहाली और आत्महत्या के बढ़ते मामले के मद्देनजर फसलों की निगरानी के लिए ड्रोन एवं मानवरहित वायुयान (यूएवी) का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
नई दिल्लीः उद्योग संगठन एसोचैम ने देश में किसानों की बदहाली और आत्महत्या के बढ़ते मामले के मद्देनजर फसलों की निगरानी के लिए ड्रोन एवं मानवरहित वायुयान (यूएवी) का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। उद्योग संगठन और स्काइमेट की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया कि छोटे और गरीब किसानों को सरकार की तरफ से ड्रोनों सहित अन्य उच्च तकनीकी मदद उपलब्ध करानी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल फसलों की निगरानी के लिए या तो उपग्रहों का इस्तेमाल होता है या किसानों को खेत जाकर आंकलन करना पड़ता है। इन दोनों ही तरीकों में अनावश्यक तौर पर समय और संसाधन की बर्बादी होती है जिसके कारण किसानों के पास फसलों की किसी संभावित बीमारी को रोकने के लिए पर्याप्त समय नहीं रह पाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन या यूएवी के इस्तेमाल से किसानों को खेतों और फसलों की उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें उपलब्ध हो सकेंगी साथ ही एक ही बार में वह सैंकड़ों एकड़ जमीन का आकलन कर सकेगा। विभिन्न सॉफ्टवेयरों की मदद से सारी छोटी तस्वीरों को जोड़कर इलाके की एक तस्वीर भी बनाई जा सकती है और नॉर्मलाइज्ड डिफरेंस वेजीटेशन इंडेक्स का इस्तेमाल कर इस तस्वीर से नक्शा भी बनाया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में अब भी आंकड़े जुटाने के लिए मुगलों के समय की पद्धति अपनाई जा रही है जबकि इसके लिए ड्रोनों का इस्तेमाल आसान, प्रभावी और कम खर्चीला हो सकता है। इसके इस्तेमाल से बरसात के मौसम में भी साफ तस्वीरें निकाली जा सकती हैं। वैसे क्षेत्र जहाँ वाहनों या नावों आदि के जरिए पहुंचना संभव नहीं हो पाता है, ड्रोनों की मदद से उन इलाकों का भी आंकलन किया जा सकता है। एसोचैम ने कहा, ''इतिहास गवाह है कि जिस देश में खाद्य सुरक्षा नहीं होती, वहां कोई सुरक्षा नहीं होती। बढ़ती जनसंख्या के साथ लोगों की खाद्य जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जाना चाहिए।''