Edited By ,Updated: 01 May, 2015 11:31 AM
नृसिंह चतुर्दशी को नृसिंह भगवान की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। इस दिन किए गए पूजन एवं आराधना से अनेक प्रकार के दोषों का शमन होता है।
नृसिंह चतुर्दशी को नृसिंह भगवान की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। इस दिन किए गए पूजन एवं आराधना से अनेक प्रकार के दोषों का शमन होता है।
भगवान विष्णु के नृसिंह रूप को संकटमोचन रूप माना गया है। संपूर्ण ब्रह्मांड की बहुत सी रहस्यमयी शक्तियां होती हैं जो निरंतर ऊर्जा के रूप में प्रवाहित होती रहती हैं। इन शक्तियों का यदि विधिवत रूप से आह्वान किया जाए तो ये कष्टों एवं दुखों से छुटकारा दिलाकर जीवन में हमारा मार्ग प्रशस्त करती हैं। भगवान नरसिंह के प्रमुख 10 रूपों का विधिवत प्रकार से पूजन एवं अर्चना की जाए तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये हमें संबन्धित शक्तियों की कृपा का पात्र बनाते हैं।
ऐसे हुआ नृसिंहावतार
भगवान नरसिंह के प्रमुख 10 रूप हैं-
१) उग्र नरसिंह
२) क्रोध नरसिंह
३) मलोल नरसिंह
४) ज्वल नरसिंह
५) वराह नरसिंह
६) भार्गव नरसिंह
७) करन्ज नरसिंह
८) योग नरसिंह
९) लक्ष्मी नरसिंह
१०) छत्रावतार नरसिंह/पावन नरसिंह/पमुलेत्रि नरसिंह
इन दस नामों का उच्चारण करने से जीवन में आए हुए किसी भी तरह के कष्टों से छुटकारा मिलता है और गंभीर से गंभीर रोगों का नाश होता है।