Edited By ,Updated: 05 May, 2015 03:37 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आज कहा कि विश्व का बड़ा भू-भाग इन दिनों युद्ध से रक्त रंजित है और भगवान बुद्ध की करूणा की सीख ही दुनिया को जंग से मुक्ति दिला सकती है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आज कहा कि विश्व का बड़ा भू-भाग इन दिनों युद्ध से रक्त रंजित है और भगवान बुद्ध की करूणा की सीख ही दुनिया को जंग से मुक्ति दिला सकती है। उन्होंने विनाशकारी भूकंप से बड़ी तबाही का सामना करने वाले भगवान बुद्ध की जन्मस्थली और भारत के ‘‘प्यारे पड़ोसी देश नेपाल’’ के संकट से शीघ्र उबरने की भी कामना की। यहां तालकटोरा स्टेडियम में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आनंद भरे पल में हम कुछ बोझिल भी महसूस कर रहे हैं।
बोझिल इसलिए कि भगवान बुद्ध की जन्मस्थली, हमारा प्यारा पड़ोसी नेपाल बहुत ही बड़े संकट से गुजर रहा है। वहां के लोगों के संकट की यह यात्रा कितनी कठिन और लंबी होगी उसकी कल्पना भी मुश्किल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके आंसुओं को पोछें, उन्हें एक नई शक्ति प्राप्त हो, इसके लिए आज हम भगवान बुद्ध के चरणों में प्रणाम करते हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज विश्व युद्ध से जूझ रहा है, मौत पर उतारू है। विश्व का बड़ा भू-भाग रक्त रंजित है। इस खून-खराबे में करूणा का संदेश कहां से आए? मरने-मारने पर उतारू लोगों के बीच करूणा कौन लाए, कहां से लाए? रास्ता एक ही है भगवान बुद्ध की करूणा की शिक्षा।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘अगर युद्ध से मुक्ति पानी है तो भगवान बुद्ध के मार्ग से ही मिल सकती है। कभी कभार लोगों को भ्रम होता है कि सत्ता और वैभव से समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन बुद्ध का जीवन इस सोच को नकारता है।’
बुद्ध की शिक्षाएं बनेंगी पथप्रदर्शक
प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध पूर्णिमा दिवस पर आयोजित एक समारोह में कहा कि हजारों साल पहले भगवान बुद्ध का करूणा का संदेश और अष्टांग वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है और इनको जीवन में उतार कर हिंसा और तनाव से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर युद्ध से मुक्ति चाहिए तो बुद्ध से मिलेगी।’’ मोदी ने कहा कि पूरा विश्व मानता है कि 21वीं सदी एशिया की होगी लेकिन यह भगवान बुद्ध के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के बिना 21वीं सदी का एशिया की सदी होना संभव नहीं है। उनकी शिक्षाएं और जीवन इसके लिए प्रेरणा और पथप्रदर्शक बनेंगी।’’ उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के संदेश से दुनिया को हिंसा और नफरत से मुक्ति दिलाई जा सकती है।