वट सावित्री पर करें विशेष उपाय

Edited By ,Updated: 16 May, 2015 08:55 AM

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ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि को हिन्दू महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है और संतान सुख प्राप्त होता है।

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि को हिन्दू महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है और संतान सुख प्राप्त होता है। मान्यता है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज के फंदे से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी।

भारतीय धर्म में वट सावित्री अमावस्या स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है। मूलतः यह व्रत-पूजन सौभाग्यवती स्त्रियों का है। फिर भी सभी प्रकार की स्त्रियां (कुमारी, विवाहिता, विधवा, कुपुत्रा, सुपुत्रा आदि) इसे करती हैं। इस व्रत को करने का विधान ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तथा अमावस्या तक है। आजकल अमावस्या को ही इस व्रत का नियोजन होता है। इस दिन वट (बड़, बरगद) का पूजन होता है। इस व्रत को स्त्रियां अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना से करती हैं। इस व्रत में सबसे अधिक महत्व चने का है। बिना चने के प्रसाद के यह व्रत अधूरा माना जाता है।

इस दिन के विशेष उपाय :-

 * जिन कन्याओं की शादी में रुकावटें आ रही हैं वो आज के दिन बरगद के पेड़ में कच्चा दूध चढ़ाएं और गीली मिटटी से माथे पर टिका लगाएं। 

 * कुंडली में पितृ बाधा निवारण के लिए नदी किनारे या किसी धर्म स्थल पर पीपल या बरगद का पेड़ लगाएं और उसे रोजाना जल से सींचे जैसे-जैसे पेड़ बड़ा होता रहेगा घर में खुशियां आती रहेंगी। 

पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री

vastushastri08@gmail.com 

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