Edited By ,Updated: 18 May, 2015 03:42 PM
अपमान कराके जीने से तो अच्छा मर जाना है क्योंकि प्राणों के त्यागने से केवल एक ही बार कष्ट होगा, पर अपमानित होकर जीवित रहने से जीवनपर्यन्त दुख.......
वरं प्राणपरित्यागो मानभंगे जीवनात्।
प्राणत्यागे क्षणं दु:खं मानभंगे दिने दिने।।
अर्थ : अपमान कराके जीने से तो अच्छा मर जाना है क्योंकि प्राणों के त्यागने से केवल एक ही बार कष्ट होगा, पर अपमानित होकर जीवित रहने से जीवनपर्यन्त दुख होगा ।
भावार्थ : भाव यह है कि सम्मानित जीवन ही जीने के योग्य होता है। अपमानित होकर जीने से तो मरना बेहतर है।