Edited By ,Updated: 22 May, 2015 08:11 PM
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आगामी 25 मई को होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की मथुरा रैली में न्यौता नहीं भेजा गया है।
नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आगामी 25 मई को होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की मथुरा रैली में न्यौता नहीं भेजा गया है। आडवाणी के प्रसंसक इस रैली में भी अपने चहेते नेता को नहीं देख पाएंगे। सबसे खास बात यह है कि इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को आंमत्रित किया गया है, जबकि उन्होंने पिछले 6 सालों से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया है। वह लकवे से ग्रस्त हैं और 2009 से ही अपने घर से बाहर नहीं निकले।
मथुरा में कार्यक्रम का आयोजन दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि संपर्क समिति की तरफ से किया गया है। 25 मई को होने वाली रैली में आडवाणी को न बुलाने की संबंध में आयोजन समिति का कहना है कि दरअसल आडवाणी समिति के कभी सदस्य नहीं रहे। इसलिए उन्हें न्योता नहीं दिया गया। कार्यक्रम का आयोजन मथुरा के नगला चंद्रभान गांव के दीनदयाल धाम में होना है। समिति के सचिव रोशन लाल ने अटल बिहारी वाजपेयी को निमंत्रित किए जाने के बावत कहा,' हमें पता है कि खराब स्वास्थ्य के कारण वाजपेयीजी कार्यक्रम में आने में सक्षम नहीं हैं। हालांकि उन्हें न्योता भेजा गया है क्योंकि वह हमारी समिति के पहले अध्यक्ष हैं और आज तक इसके सरंक्षक हैं।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समिति के सदस्य नहीं हैं, फिर उन्हें क्यों बुलाया गया है? इस सवाल के जवाब में रोशन लाल ने कहा कि मोदी कार्यक्रम में मोदीजी का स्वागत किया जाना है और वो यहां पार्टी की रैली को संबोधित करने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीनदयाल धाम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और कमेटी के सदस्यों से मुलाकात करेंगे।
गौरतलब है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही भाजपा आडवाणी कई मौकों पर नजरअंदाज करती आई है। इससे पहले गोवा में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में भी उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया था। हालांकि राजनीति के जानकारों ने तो पहले ही कह दिया है कि भाजपा में आडवाणी युग का अंत हो चुका है।