Edited By ,Updated: 22 May, 2015 02:48 PM
आपको किससे खुशी मिलती है? ऐसा प्रश्र आपसे बार-बार पूछा जाता है। आप स्वयं से पूछें कि आपको कैसे खुशी मिलती है? क्या व्यवसाय संभाल कर ही आप खुश हैं या आप किसी और वजह से खुश होते हैं?
आपको किससे खुशी मिलती है? ऐसा प्रश्र आपसे बार-बार पूछा जाता है। आप स्वयं से पूछें कि आपको कैसे खुशी मिलती है? क्या व्यवसाय संभाल कर ही आप खुश हैं या आप किसी और वजह से खुश होते हैं? क्या कोई और तय करता है कि आप खुश हों कि नहीं? क्या आप विश्वास करते हैं कि आपकी खुशी पहले से तय है और आपके बस के बाहर? कुछ लोगों के लिए धन-दौलत ही सबसे बड़ी खुशी है। कुछ लोगों के लिए यह पंचतारा होटलों के खाने तक सीमित है। कुछ लोगों के हैरोइन आदि मादक पदार्थों के सेवन से खुशी मिलती है और कुछ लोग शराब व जुए को ही खुशी का साधन मानते हैं।
कुछ लोगों के लिए अच्छा जीवन साथी, बढिय़ा नौकरी, अच्छा बॉस, आज्ञाकारी बच्चे व माता-पिता से पटरी बैठना ही खुशी के पैमाने हो सकते हैं। शराब और नशीले पदार्थों में प्रसन्नता पाना खतरनाक होता है। ऐसे शौक न केवल थोड़े समय के लिए बल्कि दीर्घकालीन रूप से भी नुक्सानदायक होते हैं।
‘प्रसन्नता का व्यापार’ एक बड़े उद्योग का रूप ले चुका है। कुछ लोग पवित्र महापुरुषों की संगति में आनंद पाते हैं और मुक्ति का उपाय तलाशते हैं। यद्यपि भारत जैसे देश में साधु के रूप में छिपे ठगों की भी कमी नहीं है। आप स्वयं ही अपने आपको प्रसन्न कर सकते हैं। प्रसन्नता कोई अपने आप आने वाली चीज नहीं है। इसके लिए आपको लगातार कोशिश करनी होगी। जब आपको दूसरों की खुशी में ही खुशी मिलने लगेगी तो आप खुशी के भीतर छिपा राज जान लेंगे।
याद रखें कि खुशी हमेशा किसी वस्तु की इच्छा, प्रशंसा या कुछ करने में नहीं होती। जीवन की छोटी-छोटी बातों में खुशियां तलाशें और मानकर चलें कि आप प्रसन्न हैं। कोई भी अपना मनपसंद काम करके खुशी पा सकता है।