Edited By ,Updated: 24 May, 2015 08:59 AM
मधुर वचन सभी को संतुष्ट करते हैं इसलिए सदैव मृदुभाषी होना चाहिए । मधुर वचन बोलने में कैसी दरिद्रता? जो व्यक्ति मीठा बोलता है, उससे सभी प्रसन्न........
प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तव:।
तस्मात्तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता।।
अर्थ : मधुर वचन सभी को संतुष्ट करते हैं इसलिए सदैव मृदुभाषी होना चाहिए । मधुर वचन बोलने में कैसी दरिद्रता? जो व्यक्ति मीठा बोलता है, उससे सभी प्रसन्न रहते हैं।।17।।
भावार्थ : आचार्य चाणक्य ने प्रस्तुत श्लोक के माध्यम से बताया है कि मधुर भाषण में सम्मोहन शक्ति होती है । मधुर भाषण सभी पर प्रभाव डालता है ।