Edited By ,Updated: 25 May, 2015 08:29 PM
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार राजधानी में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा समेत 11 क्षेत्रों पर प्राथमिकता से काम करेगी।
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार राजधानी में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा समेत 11 क्षेत्रों पर प्राथमिकता से काम करेगी। केजरीवाल ने आज कनॉट प्लेस के सेन्ट्रल पार्क में आम आदमी पार्टी (आप) की 100 दिन की उपलब्धियां जनसंवाद के जरिए लोगों को देते हुए कहा कि उनकी सरकार 11 अहम मुद्दों पर काम कर रही है। सरकार के एजेंडा में राजधानी में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, झुग्गी झोपड़ी अनधिकृत बस्तियां, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, यातायात की व्यवस्था को बेहतर करना, प्रदूषण नियंत्रण और महंगाई पर अंकुश प्राथमिकता में हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 100 दिन के दौरान उनकी सरकार ने काफी काम किए हैं और वह दिल्ली की जनता से किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करेगी। मंत्रिमंडल की खुली बैठक में पिछले दस दिन से विवाद का केन्द्र बनी शकुन्तला गैमलिन भी मौजूद थी। वह दिल्ली में ऊर्जा सचिव है। मुख्य सचिव के.के. शर्मा के 10 दिन के अवकाश पर जाने के दौरान सुश्री गैमलिन को मुख्य कार्यकारी सचिव बनाये जाने को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव हो गया था। शर्मा आज ही अवकाश से ड्यूटी पर लौटे है।
जनसंवाद में शर्मा और सुश्री गैमलिन दोनों ही मौजूद थे। केजरीवाल ने ईश्वर को याद करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ जो भी वे ध्वस्त हो जाएंगे, क्योंकि भगवान हमारे साथ है। उनकी सरकार सच्चाई के रास्ते पर चल रही है और सत्य की हमेशा विजय होती है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) पर दिल्ली उच्च न्यायालय के आज आये फैसले को दिल्ली की जनता के लिए बड़ा निर्णय बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में और मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछली बार 49 दिन की सरकार के दौरान उन्होंने एसीबी के जरिए केन्द्र के मंत्रियों समेत बड़े उद्योगपतियों पर शिकंजा कसने की दिशा में कदम उठाए थे। इसके बाद केन्द्र सरकार ने एसीबी का दायरा घटाकर दिल्ली तक सीमित कर दिया था।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद एसबी की शक्तियां फिर वापस लौटी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली की एसीबी केजरीवाल सरकार के आदेश मानेगी, केन्द्र सरकार के नहीं। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है उपराज्यपाल ‘दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की मदद और सहायता से काम करने को बाध्य हैं। केन्द्र सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि दिल्ली सरकार की एसीबी उसके अधिकारियों की जांच नहीं कर सकती क्योंकि शाखा के पास भूमि, दिल्ली पुलिस, अथवा प्रमुख नौकरशाहों की नियुक्तियों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।
केन्द्र ने यह भी कहा था कि दिल्ली में उपराज्यपाल उसके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते है इसलिए वह इन मुद्दों पर केजरीवाल से परामर्श करने के लिए बाध्य नहीं है। जनसंवाद के बाद केजरीवाल मंत्रिमंडल के मंत्री अपने-अपने मंत्रालयों के कामकाज का ब्योरा जनता के समक्ष रखेगें और इसके बाद जनता के सवालों का जवाब देंगे।