Edited By ,Updated: 28 May, 2015 01:05 PM
मंजिलें उनको मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। कुछ ऐसी कहावत मुंबई में रहने वाली मोनिका मोरे ने....
मुंबई: मंजिलें उनको मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। कुछ ऐसी कहावत मुंबई में रहने वाली मोनिका मोरे ने सच्च कर दिखाई जिसने हाथों के बिना परीक्षा देने के बावजूद महाराष्ट्र की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 63% अंक हासिल कर मिसाल कायम कर दिया है। मोनिका के एक साल पहले हुए ट्रेन हादसे में दोनों हाथ कट गए थे। कॉमर्स स्ट्रीम की छात्रा मोनिका ने परीक्षा में राइटर का सहारा लिया।
मोनिका ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। खास तौर नौवीं कक्षा की छात्रा ऐश्वर्या की आभारी हूं जिसने परीक्षा में मेरे लिए राइटर का काम किया।' मोनिका ने परीक्षा देने के लिए बोर्ड से राइटर फैसिलिटी देने की गुजारिश की थी। बोर्ड ने उन्हें राइटर के साथ अपियर होने की अनुमति दी। इस तरह मोनिका पर्चे के दौरान सवालों के जवाब बोलती जाती जिसे ऐश्वर्या राइटर लिखती जाती। मीडिया से बातचीत के दौरान परिजनों ने कहा कि मोनिका ने हमारा नाम रोशन किया है उन्होंने कहा कि हर तरफ से बधाई मिल रही है।
आपकों बता दें कि पिछले साल 11 जनवरी को घाटकोपर में लोकल ट्रेन पकडऩे के दौरान मोनिका के साथ हादसा हो गया था जिसमे उसके दोनों हाथ चले गए थे।