Edited By ,Updated: 28 May, 2015 12:30 PM
एकादशी व्रत में संकल्प का बड़ा महत्व है । संकल्प अर्थात किसी भी कार्य के हो जाने की कल्पना करके भगवान से प्रार्थना करना । इस हेतु प्रातः काल मे हाथ में हल्दी व पुष्प लेकर भगवान विष्णु से प्रार्थना करें.....
एकादशी व्रत में संकल्प का बड़ा महत्व है । संकल्प अर्थात किसी भी कार्य के हो जाने की कल्पना करके भगवान से प्रार्थना करना । इस हेतु प्रातः काल मे हाथ में हल्दी व पुष्प लेकर भगवान विष्णु से प्रार्थना करें । सम्भव हो और शारीरिक क्षमता अनुमति दे तो निर्जला उपवास करें, अन्यथा पूजन मात्र ही पर्याप्त होगा । इस व्रत के करने मात्र से पारिवारिक, भावनात्मक, वैवाहिक और व्यवसायिक समस्याओं का निश्चित ही समाधान होता है ।
निर्जला एकादशी के दिन केले के पेड़ के समीप भगवान विष्णु का चित्रपट रखें । इसके बाद उत्तरमुखी होकर पीले रंग का आसन बिछाकर भगवान विष्णु व केले के पेड़ का विधिवत पूजन करें । शुद्ध घी का दीपक जलाएं, चंदन की धूप करें, जनेऊ अर्पित करें, पीले रंग के पुष्प चढाएं, मावे से बने मिष्ठान का भोग लगाएं । विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें । पीले वस्त्र में नारियल बाधकर भगवान विष्णु पर समर्पित करें । इसके बाद पंचमुखी रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का यथा संभव जाप करे ।
मंत्र: ॐ नमो भगवते रासमण्डलेशाय स्वाहा॥
नोट: मंत्र ब्रह्मवैवर्त पुराण के अंतर्गत श्री ब्रहमांड पावन कवच से है ।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com