बाबू लाल गौर ने फिर दिया विवादित बयान कहा, शराब पीना मौलिक अधिकार

Edited By ,Updated: 29 Jun, 2015 08:12 PM

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मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबू लाल गौर ने एक बार फिर विवादित बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। गौर ने कहा है कि शराब पीना 'मौलिक अधिकार' है और यह हैसियत का प्रतीक भी है।

भोपाल: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबू लाल गौर ने एक बार फिर विवादित बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। गौर ने कहा है कि शराब पीना 'मौलिक अधिकार' है और यह हैसियत का प्रतीक भी है। गौर ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि शराब पीने से अपराध की दर नहीं बढ़ती है। उन्होंने कहा कि शराब से अपराध नहीं बढ़ता है। शराब पीने के बाद लोग होश खो बैठते है और इससे अपराध होते हैं। नियंत्रण में पीने वाले लोग अपराध नहीं करते। गौर ने कहा कि किसी को ज्यादा शराब नहीं पीनी चाहिए। यह व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। शराब पीना इन दिनों सामाजिक हैसियत का प्रतीक है। अक्सर विवादों में रहने वाले मंत्री से संवाददाताओं ने भोपाल में शराब की बिक्री का समय रात दस बजे से बढ़ाकर साढ़े ग्यारह बजे तक करने पर प्रतिक्रिया मांगी थी।

गौर के विवादित बयानों पर एक नजर-
गौर ने इससे पहले कहा था कि चेन्नई में यौन अपराध कम है क्योंकि महिलाएं च्पूरे कपड़ेज् पहनती हैं। उन्होंने चेन्नई के दौरे के बाद कहा कि तमिलनाडु में महिलाएं पूरे कपड़े पहनती हैं और इसलिए अन्य राज्यों की तुलना में वहां अपराध की दर कम है। मंत्री इससे पहले तब विवाद में घिर गए थे जब उन्होंने एक कार्यक्रम को याद करते हुए एक रूसी नेता की पत्नी को धोती उतारना सिखाने की पेशकश की बात बताई थी। गौर ने कहा था कि मैंने उनसे कहा कि मैं आपको यह नहीं सिखा सकता कि इसे कैसे पहनते हैं लेकिन मैं आपको निश्चित रूप से सिखा सकता हूं कि इसे कैसे उतारते हैं लेकिन वह भी बाद में, अभी नहीं। मंत्री ने बलात्कार को सामाजिक अपराध भी करार दिया था और कहा था कि कई बार यह सही होता है, कई बार यह गलत। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित नहीं कर सकती कि महिलाओं का बलात्कार नहीं हो।   

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