Edited By ,Updated: 01 Jul, 2015 08:36 PM
डिजीटल इंडिया यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो सपना, जो साकार होने वाला है। डिजीटल क्रांति के जरिए पूरे देश के सशक्तिकरण का सपना अब अंतिम रूप ले चुका है।
नई दिल्लीः डिजीटल इंडिया यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो सपना, जो साकार होने वाला है। डिजीटल क्रांति के जरिए पूरे देश के सशक्तिकरण का सपना अब अंतिम रूप ले चुका है। इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में इस भव्य कार्यक्रम की शुरूआत हुई है। डिजीटल इंडिया वीक पर ई-हैल्थ, ई-एजुकेशन और डिजीटल लॉकर जैसी योजनाओं को लॉन्च किया गया।
कार्यक्रम में मौजूद सभी उद्योगपतियों ने ‘डिजीटल इंडिया’ को सराहा और इसमें बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की। मुकेश अंबानी के अलावा सत्य नडेला, साइरस मिस्त्री, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, गौतम अडानी जैसे 400 से भी ज्यादा टॉप इंडस्ट्रीयलिस्ट्स बुलाए गए।
मोदी सरकार इस स्कीम के जरिए सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना चाहती है। इसके अलावा, ई-गर्वनैस को बढ़ावा देना और पूरे भारत को इंटरनैट से कनैक्ट करना इस मुहिम का मुख्य लक्ष्य है।
जानिए किसने क्या कहा..
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी
* रिलायंस इंडस्ट्रीज डिजीटल इंडिया में 2,50,000 करोड़ का निवेश करेगी।
* वायरलैस ब्रॉडबैंड देश के सभी राज्यों में।
* जरूरी निवेश करेंगे।
* जियो डिजीटल स्टार्ट अप फंड।
* भविष्य के डिजीटल बिजनेस के लिए निवेश में सहयोग।
टाटा के साइरस मिस्त्री
* टीसीएस में 300 हजार लोग डिजीटल वर्ल्ड में है।
* भारत सरकार के साथ ई-गर्वनैस में सहयोग करेंगे।
* रिमोट इलाकों में नेट सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं और दायरा बढ़ाएंगे।
* किसानों के लिए परामर्श की व्यवस्था की जा रही है।
* छात्रों के लिए ई-सुविधाओं के क्षेत्र में टाटा काम कर रही है।
कुमार मगलम बिड़ला
* आदित्य बिड़ला ग्रुप डिजीटल इंडिया के कार्यक्रम में 20 साल से लगा हुआ है।
* हम 15 बिलियन डॉलर पहले ही निवेश कर चुके हैं। इसे और बढ़ाएं और अगले पांच साल में 7 बिलियन डॉलर निवेश करेंगे।
* मोबाइल वालेट और पेमेंट बैंक जल्द ही लांच करेंगे।
* हम डिजीटल भारत कनैक्ट कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे ताकि गांव तक इसकी पहुंच हो सके।
डिजीटल इंडिया कैंपेन से जुड़ी मुख्य योजनाएं
ई-लॉकर यानी डिजीटल लॉकर
इस सुविधा के तहत लोग अपने पैन, आधार कार्ड, मार्कशीट्स और अन्य जरूरी दस्तावेजों को डिजीटल स्टोर कर सकते हैं। आने वाले समय में गवर्नमेंट ऑफिसेस भी सीधे आपके डॉक्युमेंट्स को एक लिंक के द्वारा डिजीटल लॉकर में भेजेंगे। इस सुविधा के बाद आपको कहीं भी हार्ड कापी देने की जरूरत नहीं होगी।
ई-बैग यानी ई-बस्ता
किसी भी राज्य के शिक्षा बोर्ड की किताब को छात्र कहीं से भी घर बैठे न सिर्फ पढ़ पाएंगे, बल्कि फ्री में डाऊनलोड भी कर सकेंगे। ई-बस्ता पोर्टल में सभी राज्यों के एजुकेशन बोर्ड अपनी पूरी टेक्स्टबुक ऑनलाइन रखेंगे। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड की भी किताबें भी इसमें होगी। इससे न केवल स्टूडेंट्स के बस्ते का वजन हल्का होगा, बल्कि वे मोबाइल, टैबलेट या कम्प्यूटर पर डाऊनलोड कर किताबें पढ़ सकेगें।
ई-हैल्थ
ई-हैल्थ में ई-हॉस्पिटल और टेली मेडिसिन जैसी फैसिलिटी शामिल हैं। टेली मेडिसिन सर्विस शुरू होने के बाद मरीजों को एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए लंबी लाइनें नहीं लगानी पड़ेंगी। मरीज देश के किसी भी कोने में बैठकर एम्स में इलाज के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ले सकेगें। ई-हॉस्पिटल जैसी स्कीम से दूर-दराज के गांवों भी अच्छी मेडिकल सर्विस पहुंच सकेगी।