सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'एक महिला का शरीर उसके लिए मंदिर होता है'

Edited By ,Updated: 01 Jul, 2015 01:31 PM

article

सुप्रीम कोर्ट नेे बुधवार को कोर्ट में अपने एक फैसले में कहा कि बलात्कार के मामलों में कोई मध्यस्थता नहीं और कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट नेे बुधवार को कोर्ट में अपने एक फैसले में कहा कि बलात्कार के मामलों में कोई मध्यस्थता नहीं और कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

एक महिला का शरीर उसके लिए मंदिर होता है।' जस्टिस दीपक मिश्र की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने कहा कि रेप की शिकार हुई लड़की और उसके अभियुक्त के बीच शादी के वादे के नाम पर कोई समझौता महिला के सम्मान को जोखिम में डालना है।

कोर्ट ने कहा कि इस तरह के समझौतों को बढ़ावा देने वाले लोगों में संवेदनशीलता की कमी है। बेंच ने कहा कि इस मुद्दे पर अदालतें नरम रवैया नहीं अपना नहीं सकतीं।

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला मध्य प्रदेश सरकार की अपील पर आया। इस मामले में निचली अदालत की ओर से रेपिस्ट को पीड़िता से शादी के समझौते के बाद छोड़ दिए जाने को कोर्ट ने बड़ी गलती बताया। हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट ने नाबालिग के रेप केस में दोषी पाए गए अपराधी को मध्यस्थता के जरिए मामला सुलझाने के लिए कहा था।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!