Edited By ,Updated: 01 Jul, 2015 03:36 PM
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक ऐसा मंदिर है यहां से मुगल शासक औरंगजेब उल्टे पांव भाग गया था। ये बात 14वीं शताब्दी की है।
कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक ऐसा मंदिर है यहां से मुगल शासक औरंगजेब उल्टे पांव भाग गया था। ये बात 14वीं शताब्दी की है। कहा जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब को अपनी बढ़ती ताकत से इतना घमंडी हो गया था कि वह हिंदू देवी-देवताओं का भी अपमान करने लगा था। उसने सभी मंदिरों को तहस-नहस कर दिया था। वह अपनी शक्ति से पूरे भारत पर अपना शासन कायम करना चाहता था। तभी ऐसा चमत्कार हुआ कि उसका सारा घमंड चूर-चूर हो गया।
औरंगजेब ने हिमाचल के कांगड़ा स्थित ज्वालाजी का खूब नाम सुना था। उसने इस मंदिर को भी गिराने की योजना बनाई। कहते हैं औरंगजेब से पहले अकबर ने भी इस मंदिर में निरंतर जल रही चमत्कारी ज्योति को बुझाने की कोशिश की थी। लेकिन मां की ये ज्योति इसे पिघलाते हुए बाहर निकल गई थी। बाद में अकबर ने यहां सोने का छत्र चढ़ाया जो आज भी यहां मौजूद है।
बताया जाता है कि औरंगजेब ने पहले अपने सैनिकों को इस मंदिर को गिराने के लिए भेजा। औरंगजेब के सैनिक अभी रास्ते में ही पहुंचे थे कि मां के चमत्कार से मधुमक्खियों ने इन पर हमला बोल दिया। मां के प्रकोप के चलते सभी सैनिकों को जान बचाकर वापस भागना पड़ा। जब ये बात औरंगजेब को पता चली तो उसे मां की शक्ति की आभास हो चुका था और वह उल्टे पांव वापस दिल्ली लौट गया। आपको बता दें कि मां ज्वालाजी का ये मंदिर मां सती से जुड़ा है जिनके शरीर के अंग यहां गिरे थे। आज भी यहां चमत्कारी जोत निरंतर जलती रहती है।