...और वो मेरे जिस्म को टॉयलेट की तरह इस्तेमाल करते रहे!!

Edited By ,Updated: 04 Jul, 2015 04:50 PM

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देह व्यापार के धंधे फंसी एक लड़की की आपबीती सुन आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे। इस लड़की ने बताया कि कैसे वह बचपन से ही इस धंधे में पहुंची और किस तरह से तब से लेकर अब तक उसके जानवरों जैसा व्यवहार किया गया।

नई दिल्ली:  देह व्यापार के धंधे फंसी एक लड़की की आपबीती सुन आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे। इस लड़की ने बताया कि कैसे वह बचपन से ही इस धंधे में पहुंची और किस तरह से तब से लेकर अब तक उसके जानवरों जैसा व्यवहार किया गया। एक नीजि न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में पीड़ित लड़की ब्रेंडा मायर्स पॉवेल ने बताया कि जब वह बच्ची ही थी तभी उसे देह व्यापार में धकेल दिया गया था।

अपनी आपबीती सुपनाते हुए उसे बताया कि जब मैं छह महीने की थी, तभी मेरी मां की मौत हो गई। उस वक्त मेरी मां सिर्फ़ 16 बरस की थीं। मुझे ये कभी पता नहीं चला कि उनकी मौत कैसे हुई? बहुत अधिक शराब पीने वाली मेरी दादी मुझे कभी नहीं बता सकीं। मैंने सुना है कि वो खूबसूरत थीं।

दादी ने मेरी देखभाल की। वो बुरी नहीं थीं। कुछ मायनों में वो बेहतरीन थीं। उन्हें सिर्फ़ शराब पीने की समस्या थी। वो अपने साथ पीने वाले साथियों को बार से घर ले आतीं। वो जब मदहोश हो जातीं, उनके साथ आने वाला शख्स मेरे साथ हरकतें शुरू कर देता। ये सब कुछ उसी वक्त शुरू हो गया था, जबकि मैं सिर्फ चार या पांच साल की थी और ये रोजमर्रा की बात बन गई।

दादी दूसरों के घरों में काम करती थीं, और उनके घर आने तक मैं घर में बंद रहती थी। मैं खुद ही स्कूल जाती थी और वापस आती थी। मेरा उत्पीडऩ करने वाले ये जानते थे और इसका फ़ायदा उठाते थे।

मैं अपने घर के बाहर गली में आकर्षक और चमकीले कपड़ों वाली महिलाओं को खड़ा देखती थी। मुझे पता नहीं था कि वे वहां क्यों खड़ी रहती हैं। बचपन में मैं भी चमकती-दमकती दिखना चाहती थी। एक दिन मैंने दादी से उन महिलाओं के बारे में पूछा। उन्होंने जवाब दिया, "वो महिलाएं अपनी पैंटी उतारती हैं और पुरुष उन्हें पैसे देते हैं।" मुझे याद है मैंने खुद से कहा, "मैं भी शायद यही करूंगी।" मैं बिंदास लड़की थी। स्मार्ट बच्ची होने के बावजूद स्कूल से मुझे निकाल दिया गया। 

जब तक मैं 14 बरस की हुई तब तक गली के लड़कों के साथ संपर्क से मेरी दो बेटियां हो चुकी थीं। मेरी दादी ने मुझसे कहा कि मुझे उन बच्चियों के लिए कुछ कमाई करनी चाहिए। एक गुड फ्राइडे की शाम मैं मार्क ट्वेन होटल के सामने खड़ी हो गई। मैंने टू पीस ड्रेस पहनी हुई थी, जिसकी कीमत कोई 3.99 डॉलर थी। मैंने सस्ते से प्लास्टिक के जूते पहने थे। ये सोचकर नारंगी रंग की लिपिस्टिक लगाई थी कि मैं बड़ी दिखूंगी। मैं सिर्फ 14 बरस की थी और जो कुछ हुआ, उस दौरान मैं सिर्फ रोती रही।

उस रात मुझे डेट करने वाले पांचों लोग ने दिखाया कि क्या करना चाहिए? मैंने चार सौ डॉलर कमाए लेकिन घर तक जाने के लिए टैक्सी नहीं ली। मैं ट्रेन से घर पहुंची और कमाई का ज्य़ादातर हिस्सा दादी को दे दिया, और ऐसा लगा कि जब मैं पैसे लेकर घर लौटी तो मेरी दादी बहुत खुश थी।

तीसरी बार जब मैं फिर वहां पहुंची तो कुछ लड़के बंदुक के दम पर मुझे अपनी कार में जबरदस्ती ले गए। उन्होंने मक्के के एक सुनसान खेत में लेजाकर मेरा बलात्कार किया। फिर वो मुझे एक होटल में ले गए और वहां बंद कर दिया। दलाल लड़कियों का मनोबल तोडऩे के लिए ऐसा ही करते हैं। उन्होंने करीब छह महीने तक मेरी दलाली की। मैं घर नहीं जा पाती थी। मैंने भागने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझे पकड़ लिया और मुझे बहुत तकलीफ़ दी। बाद में दूसरे लोगों ने मेरा सौदा किया। शारीरिक तकलीफ़ भयानक थी, लेकिन असल तकलीफ मानसिक थी। मुझे पांच बार गोली मारी गई। 13 बार चाकू घोंपा गया और वो मेरे जिस्म टॉयलेट की तरह इस्तेमाल करते रहे।

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