रावण ने एेसे पाई सोने की लंका

Edited By ,Updated: 05 Jul, 2015 09:15 AM

article

कुबेर धन के अधिपति हैं यानी कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। वह देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा के भी एकमात्र वही स्वामी हैं.....

कुबेर धन के अधिपति हैं यानी कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। वह देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा के भी एकमात्र वही स्वामी हैं। एक दिन कुबेर जो महान समृद्धि से युक्त थे वो अपने पिता के साथ बैठे थे । रावण ने जब कुबेर को देखा तो उसके मन में भी उसकी तरह ही समृद्ध बनने की इच्छा पैदा हुई ।

पौराणिक कथाओं के अनुसार फिर रावण और उसके भाइयों ने तपस्या करनी आरम्भ कर दी । एक हजार वर्ष पूर्व होने पर रावण ने अपने मस्तक काट-काटकर अग्रि में आहूति दे दी । उसके इस अद्भुत कर्म से ब्रह्मजी बहुत संतुष्ट हुए और प्रसन्न होकर उन्होंने स्वंय उन्हें तपस्या करने से रोका और कहा कि मैं आपकी तपस्या से प्रसन्न हूं और आप वर मांगों और तप से निवृत हो जाओ ।

ब्रह्मजी ने वर देने से पहलें ये शर्त रखी कि एक अमरत्व को छोड़कर आप कुछ भी मांग सकते हो और तुम्हारी इच्छा पूर्ण होगी और रावण को कहा कि तुमने जिन सिरों की आहूति दी है वे सब तुम्हारे शरीर में जुड़ जाएंगे । तुम इच्छानुसार रूप धारण कर सकोगे । रावण ने कहा हम युद्ध में शत्रुओं पर विजयी होंगे-इसमें कुछ भी संदेह नहीं है ।

गंधर्व, देवता, असुर, यक्ष, राक्षस, सर्प, किन्नर और भूतों से मेरी कभी पराजय न हो । तुमने जिन लोगों का नाम लिया । इनमें से किसी से भी तुम्हे भय नहीं होगा। केवल मनुष्य से हो सकता है । उनके ऐसा कहने पर रावण बहुत प्रसन्न हुआ । उसने सोचा-मनुष्य मेरा क्या कर लेंगे, मैं तो उनका भक्षण करने वाला हूं ।इसके बाद ब्रह्मजी ने कुंभकर्ण से वरदान मांगने को कहा। उसकी बुद्धि मोह से ग्रस्त थी ।

इसलिए उसने अधिक कालतक नींद लेने का वरदान मांगा । विभीषण ने बोला मेरे मन में कोई पाप विचार न उठे तथा बिना सीखे ही मेरे हृदय में ब्रम्हास्त्र के प्रयोग विधि स्फुरित हो जाए । राक्षस योनि में जन्म लेकर भी तुम्हारा मन अधर्म के रास्ते न जाकर धर्म की ओर चल रहा है तो तुम्हें अमर होने का भी वर दे रहा हूं ।

इस तरह वरदान प्राप्त कर लेने पर रावण सबसे पहले अलकापुरी पर आक्रमण किया । रावण और कुबेरदेव के बीच भयंकर युद्ध हुआ, लेकिन ब्रह्माजी के वरदान के कारण कुबेरदेव रावण से पराजित हो गए । रावण ने बलपूर्वक कुबेर से ब्रह्माजी द्वारा दिया हुआ पुष्पक विमान भी छीन लिया और रावण ने कुबेर से लंका को हड़पकर उस पर अपना शासन कायम किया ।

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!