बसपा से निकाले गए कद्दावर नेता अरविंद गिरी ने राजनीति को कहा अलविदा

Edited By ,Updated: 04 Jul, 2015 08:09 PM

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उत्तर प्रदेश सपा से तीन बार विधायक और गोला नगरपालिका के तीन बार अध्यक्ष रह चुके जिले के कद्दावर नेता अरविंद गिरी ने अचानक सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सपा से तीन बार विधायक और गोला नगरपालिका के तीन बार अध्यक्ष रह चुके जिले के कद्दावर नेता अरविंद गिरी ने अचानक सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया है। अरविंद ने कहा कि आज की राजनीति में वह अपने को फिट नहीं पा रहे, क्योंकि आजकल धनबल की राजनीति होने लगी है। अरविंद के अचानक उठाए गए इस बड़े कदम से जिले के राजनैतिक गलियारों का माहौल गर्म हो गया है। 
 
गौरतलब है कि अरविंद तीन दिन पहले ही बसपा से निकाल दिए गए थे। अरविंद गिरी ने कहा कि 20 साल पहले संघर्ष की राजनीति से सियासत में कदम रखा पर आज के माहौल में जनबल की जगह धनबल की सियासत होने लगी है। गोला विधानसभा से तीन बार समाजवादी पार्टी से विधायक रह चुके अरविंद ने 2011 में सपा का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थामा था। जितिन प्रसाद के साथ कदम बढ़ाते हुए गोला से चुनाव भी लड़ा पर विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद अरविंद ने बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर सवारी शुरू कर दी थी।
 
उन्‍होंने लोकसभा चुनाव बसपा के निशान पर लड़ा और दूसरे नम्बर पर रहे, लेकिन पर तीन दिन पहले अचानक बसपा ने अरविंद गिरि को पार्टी से निकाल दिया। अरविंद ने मुलायम की तारीफ की और कहा कि 2011 का सपा छोडऩे का निर्णय ठीक नहीं रहा। उन्‍होंने बसपा सुप्रीमो की भी तारीफ की, लेकिन साथ ही कहा कि बसपा में कुछ लोग पार्टी का नुकसान कर रहे हैं। बसपा से निष्कासन और चंदे के सवाल पर अरविंद ने कहा कि चंदा तो सभी पार्टियां लेती हैं, लेकिन कुछ लोग कमर तोड़ देते हैं। अरविंद ने कहा की 27 जुलाई को धन्यवाद सभा कर वह लोगों का शुक्रिया अदा करेंगे।

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