तस्वीरों में देखें, पल में 200 आशियाने बने मिट्टी के ढेर

Edited By ,Updated: 07 Jul, 2015 11:04 AM

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अफसरों द्वारा कथित तौर पर मकान तोडऩे व पुलिस केस दर्ज करवाने की धमकी देने से परेशान महिला की हार्ट अटैक से मौत होने को लेकर हो रहे भारी विरोध के चलते ...

लुधियाना (हितेश): अफसरों द्वारा कथित तौर पर मकान तोडऩे व पुलिस केस दर्ज करवाने की धमकी देने से परेशान महिला की हार्ट अटैक से मौत होने को लेकर हो रहे भारी विरोध के चलते नगर निगम ने हैबोवाल के पवित्र नगर व जोशी नगर में अतिक्रमण हटाओ मुहिम चलाने की योजना ड्राप करते हुए एकाएक प्रेम नगर में बुल्डोजर चलाकर करीब 200 परिवारों को बेघर कर दिया। जहां चारों जोनों की बिल्डिंग, तहबाजारी व बी एंड आर ब्रांच के स्टाफ के साथ अंजाम दी गई। 
 
इस ड्राइव की अगुवाई निगम की तरफ से एडीशनल कमिश्नर ऋषिपाल, सी.टी.पी. बलकार बराड़, जोनल कमिश्नर पी.एस. घुम्मन, एस.ई. मनजीत सिंह, एम.टी.पी. एक्सीयन हरपाल भुल्लर व रविन्द्र गर्ग आदि कर रहे थे। जबकि ए.डी.सी.पी. परमजीत पन्नू, ए.सी.पी. गुलनीत खुराना, डी.एस.पी. धर्मवीर के नेतृत्व में महिला पुलिस बल सहित भारी पुलिस फोर्स मौजूद थी जिस कारण खास विरोध भी नहीं हुआ। 
 
निगम अफसरों के मुताबिक यह जगह रोज गार्डन के विस्तार व टी.पी. स्कीम बनाने के लिए अधिग्रहीत की गई थी। जो प्लान सिरे चढऩे में समय लगने का फायदा उठाकर लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए। जिनको हाईकोर्ट द्वारा हटाने बारे दिए निर्देशों से संबंधित सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमणों वाली सूची में शामिल किया हुआ है। अब 17 जुलाई को होने वाली सुनवाई दौरान रिपोर्ट देने के लिए कोई एक्शन करना जरूरी था।
 
इसके तहत हैबोवाल के जोशी नगर व पवित्र नगर को लेकर किए सारे होमवर्क पर महिला की मौत के बाद एम.टी.पी. पर लगे आरोपों कारण पैदा विवाद के चलते पानी फिर गया। 
 
इस पर प्रेम नगर के सालों पुराने कब्जे हटाने का फैसला हुआ। जिनमें करीब 150 झुग्गियां व 50 कच्चे-पक्के मकान बने हुए थे। जिन्हें हटाकर 2 एकड़ से ज्यादा जगह खाली करवाई गई है। हालांकि इन लोगों ने कोर्ट में केस चलने के बावजूद कार्रवाई का आरोप भी लगाया है। इस पर अफसरों ने बताया कि जगह अलॉट करने बारे लोगों द्वारा दिए आवेदनों पर विचार करने के लिए आदेश कोर्ट ने दिया था। जिसे डिमांड को कमिश्नर द्वारा स्पीकिंग आर्डर जारी करके रद्द कर दिया गया है।  
 
एक दिन में बदले पुनर्वास संबंधी दावे
चीफ सैक्रेटरी सर्वेश कौशल ने जब ग्यासपुरा में बी.एस.यू.पी. की साइट का दौरा किया था तो 2100 में से सिर्फ 600 फ्लैट ही भरे जाने का नोटिस लेते हुए अफसरों को बाकी यूनिटों में झुग्गी वालों को शिफ्ट करने के आदेश दिए। इसके बाद डी.सी. व निगम कमिश्नर ने भी पहले से मार्क कब्जाधारियों की वैरीफिकेशन व लागत का हिस्सा जमा करवाने का काम जल्द पूरा करने सहित नए लोगों की शिनाख्त करके 15 अगस्त तक फ्लैटों में शिफ्ट करने को कहा। इसका जिम्मा बिल्डिंग ब्रांच को सौंपा गया। पुनर्वास का यह काम शुरू करने की बजाय एक ही दिन बाद प्रेम नगर में बुल्डोजर चला दिया। जहां के लोगों का कहना है कार्रवाई से पहले कोई नोटिस या चेतावनी भी नहीं दी गई। 
 
काम नहीं आया कांग्रेस का विरोध
प्रेम नगर में कब्जे हटाने की कार्रवाई का कांग्रेसियों ने भी विरोध किया जिनमें जिला कांग्रेस प्रधान गुरप्रीत गोगी, पार्षद दल के नेता हेमराज अग्रवाल, चेयरमैन बलकार संधू, राकेश पराशर, नरेन्द्र शर्मा काला, महाराज राजी शामिल थे।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि कब्जे हटाने के नाम पर सिर्फ कांग्रेसी हलकों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें भी गरीबों के साथ धक्केशाही हो रही है। विरोध के लिए अगली रणनीति बनाने के लिए कांग्रेसी पार्षदों ने वीरवार को मीटिंग बुलाई है। 

हैबोवाल में कार्रवाई रोक एस.सी. कमीशन ने अफसरों को किया दिल्ली तलब
निगम द्वारा पवित्र नगर में सेम नाले की जगह पर बने मकानों को पहले भी भारी विरोध के बावजूद तोड़ा गया था। जिसे लेकर लोगों ने एस.सी. कमीशन कोमलकीयत के दस्तावेज होने के बावजूद कार्रवाई पर शिकायत की थी। इस संबंध में आयोग ने प्रशासन से पहले ही रिपोर्ट मांगी हुई है लेकिन वहां फिर से कार्रवाई की तैयारी कर ली गई। वह तो अफसरों द्वारा धमकाने से परेशान महिला की मौत को लेकर हुए विरोध कारण लोगों का बचाव हो गया। जिनकी गुहार पर आयोग के वाइस चेयरमैन राज कुमार वेरका यहां पहुंचे और अफसरों के साथ मीटिंग की।

इसमें डी.सी. रजत अग्रवाल, निगम कमिश्नर, डी.सी. नवीन सिंगला, जी.ए. कनु ङ्क्षथद आदि मौजूद थे। वेरका ने कहा कि लोगों द्वारा मकानों के मालिकाना कागजात होने सहित निगम से जमीन की अलाटमैंट के पैसे की डिमांड करने बारे कहा जा रहा है। जिसे अनदेखा न किया जाए, क्योंकि जिस जगह कार्रवाई पर जोर है, वहां अधिकतर आबादी दलित हैं और उनको हटाने से पहले कहीं और जगह देने पर विचार किया जाए। वेरका ने लोगों को विश्वास दिलाया गया कि किसी के साथ धक्केशाही नहीं होने दी जाएगी इसलिए कार्रवाई पर रोक लगाकर अफसरों को सारे मामले बारे रिपोर्ट देने के लिए दिल्ली तलब किया गया है।  
 
लोगों को नहीं मिला सामान संभालने का मौका 
लोगों का आरोप है कि उन पर इस तरह ताबड़तोड़ हमला बोला गया कि सामान संभालने का मौका नहीं मिला। इससे उनका काफी नुक्सान हो गया है। जिसे लेकर मिन्नतें करने का अफसरों पर कोई असर नहींं हुआ। जबकि अधिकारियों का दावा है कि निगम की लेबर ने सामान निकालने में मदद की और उन्हें ले जाने के लिए गाडिय़ों की सुविधा भी दी गई।  
 
मंदिर गिराने को लेकर पनपा विवाद 
निगम ने इसी इलाके में एक मंदिर को भी गिरा दिया है। जिससे एक नया विवाद खड़ा हो गया है। क्योंकि निगम अफसरों ने मंदिर प्रबंधकों के विरोध के बावजूद बुल्डोजर चलाया और मलबा तक उठवाकर ले गए। इस पर ङ्क्षहदू संगठनों ने कड़ा एतराज जताया है। जिनके मुताबिक कोर्ट ने धार्मिक स्थानों के निर्माण तोडऩे पर रोक लगाई हुई है। जिसे लेकर अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी जाएगी। इस संबंध में निगम अधिकारियों ने बताया कि मंदिर की मूर्तियों को पूरी श्रद्धा के साथ उठवाकर दूसरी जगह रखवाया गया है।  

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