Edited By ,Updated: 22 Jul, 2015 11:36 AM
बंदी सिखों की रिहाई के लिए 188 दिनों से अनशन कर संघर्ष कर रहे हसनपुरा के बापू सूरत सिंह खालसा ने जबरन
लुधियाना (कुलवंत): बंदी सिखों की रिहाई के लिए 188 दिनों से अनशन कर संघर्ष कर रहे हसनपुरा के बापू सूरत सिंह खालसा ने जबरन अस्पताल में भर्ती करवाए जाने के बाद सोमवार से जल भी त्याग दिया है, जिससे उनकी हालत गंभीर होती जा रही है।
वहीं उनकी ए.डी.जी.पी. हरदीप सिंह ढिल्लों के साथ की गई मीटिंग भी बेनतीजा रही। जबकि ए.डी.जी.पी. ने पंजाब में शांति बनाए रखने का हवाला भी सरकार की तरफ से दिया, लेकिन बापू ने दो टूक कहा कि इसके लिए सरकार को सोचना चाहिए और बंदी सिखों को रिहा करवाना चाहिए।
ए.डी.जी.पी. ने बापू को कहा कि वह अनशन तोड़ दें ताकि पंजाब में शांति बनी रहे। इस पर बापू ने कहा कि इस संबंधी मुख्यमंत्री भी मेरे साथ बातचीत कर सकते हैं लेकिन उन्होंने आज तक मुझसे कोई बात नहीं की।
ए.डी.जी.पी. ने बापू को अपना उपचार करवाने तथा जल न त्यागने के अलावा शांतिमय ढंग से संघर्ष जारी रखने के लिए कहा, जिसे बापू ने अस्वीकार कर दिया तथा कहा कि वह तब तक अनशन करेंगे, जब तक बंदी सिखों को सरकार रिहा नहीं कर देती। उन्होंने पुलिस प्रशासन व पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि अगर सोमवार को पकड़े गए सभी लोग छोड़े नहीं गए तथा बंदी सिखों को रिहा नहीं किया गया तो संघर्ष कमेटी अगला रास्ता अपनाएगी।
उधर,पुलिस ने पकड़े गए लोगों में से 30 को आज छोड़ दिया है। बापू की बेटी ने बताया कि बाकी 13 लोगों को पुलिस ने अभी छोड़ा नहीं है। पुलिस का कहना था कि वे उग्र प्रदर्शन कर माहौल खराब कर रहे थे, जिस कारण उनको नहीं छोड़ा गया। देर सायं तक बापू का अनशन तुड़वाने के लिए संघर्ष कमेटी तथा पुलिस व जिला प्रशासन में मीटिंग जारी थी।