Edited By ,Updated: 25 Jul, 2015 01:11 PM
पुराणों में कहा गया है की प्रत्येक व्यक्ति पूर्व एवं वर्तमान जन्म में किए कर्मों के अनुसार ही धन-दौलत का सुख भोगता है। यदि मनुष्य सच्चे दिल से चेष्टा करे तो विधि के विधान को भी बदल सकता है।
पुराणों में कहा गया है की प्रत्येक व्यक्ति पूर्व एवं वर्तमान जन्म में किए कर्मों के अनुसार ही धन-दौलत का सुख भोगता है। यदि मनुष्य सच्चे दिल से चेष्टा करे तो विधि के विधान को भी बदल सकता है। गरीबी में जीवनयापन कर रहा व्यक्ति भी भगवान विष्णु और उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी को खुश करके अमीर बन सकता है और सुख-सुविधाओं से संपन्न जीवन जी सकता है।
विष्णु धर्मेत्तर शास्त्र में कहा गया है कि इस उपाय को करने वाला कभी भी आर्थिक अभावों से ग्रस्त नहीं होता। मेरूतंत्र भी इस उपाय का समर्थन करता है और मानता है कि इस उपाय के माध्यम से प्रचण्ड किलयुग में भी लक्ष्मी कृपा के भागी बना जा सकता है। इस उपाय को प्रत्येक एकादशी पर करें-
* एकादशी व्रत रखें।
* नागरखंड के मतानुसार जो जातक श्री सूक्त के पाठ से लक्ष्मी देवी का पूजन करता है वह सात जन्म तक निर्धन नहीं रहता। विष्णु धर्मोतर पुराण में कहा गया है कि जो मनुष्य श्रीसूक्त का भक्ति से पाठ अथवा हवन करता है, उसकी दरिद्रता सदा के लिए नष्ट हो जाती है। मेरुदण्ड के अनुसार दरिद्रता नाशक कलिकाल में मात्र श्री सूक्त का जप ही है।
* भगवान विष्णु संग देवी लक्ष्मी का पूजन करें। विष्णु सहस्त्र नाम व गोपाल सहस्त्र नाम का भी पाठ करें।
* लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें और प्रत्येक मंत्र के साथ देवी लक्ष्मी पर एक कमल पुष्प चढ़ाते जाएं।