जनता परिवार में फूट डालने के लिए मोदी ने लालू-नीतीश को लपेटा

Edited By ,Updated: 25 Jul, 2015 05:01 PM

bihar pm

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तेवर काफी तीखे दिखाई दिए। वे सीधे-सीधे लालू-नीतीश पर बरसे और यहां तक कह दिया कि राजनीति के चलते ही बिहार का विकास अवरुद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि राजेडी का मतलब होता है रोजाना...

पटना। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तेवर काफी तीखे दिखाई दिए। वे सीधे-सीधे लालू-नीतीश पर बरसे और यहां तक कह दिया कि राजनीति के चलते ही बिहार का विकास अवरुद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि राजेडी का मतलब होता है रोजाना जंगलराज का डर। लालू-नीतीश के बीच हालिया बयानबाजी पर उनका कहना था कि कौन सांप है, कौन सांप नहीं है, ये दोनों ही तय कर लो। कौन जहर पीता है, कौन पिलाता है, यह भी तय कर लो। पर बिहार की जनता को जहर पीने के लिए मजबूर मत करो। साै दिन बाद बिहार की जनता इनकी छुट्टी कर देगी।
 
मोदी जब लालू पर बरस रहे थे, तब नीतीश खुद बतौर सीएम मंच पर मौजूद थे। उन्होंने मोदी के भाषण से पहले केंद्र के प्रोजेक्ट्स में देरी की शिकायत की। उन्होंने कहा कि ‘बिहार का कल्याण करा दीजिए। बिहार में रेल लाइन के विस्तार में देरी हो रही है। केंद्र में कई स्कीम पेंडिंग हैं। उनका आकलन होना चाहिए और उनमें तेजी आनी चाहिए। नियावां-बिहारशरीफ रेलवे लाइन योजना अटलजी की सरकार के समय की है। अगर 6 महीने और वह सरकार रहती तो यह प्रोजेक्ट तभी पूरा हो चुका होता।’ बता दें कि एनडीए-1 की सरकार में नीतीश कुमार ही रेल मंत्री थे। जिस शिकायत पर नीतीश ने बात खत्म की, उसी बात के जरिए मोदी ने लालू को कोसा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा- ‘विकास के कामों को राजनीति कितना बर्बाद करती है, इसका ब्योरा आज नीतीशजी ने यहां दिया। अटलजी के वक्त जो काम 6 महीने में पूरा हो जाता, वह पूरा होते-होते 2015 आ गया। मैं नीतीशजी की बात से सहमत हूं। अगर अटलजी की सरकार के समय चुनाव देर से होता, हमें 6 महीने मिल जाते, तो उन्हीं के मागदर्शन में यह काम पूरा हो गया होता। क्योंकि तब नीतीशजी खुद रेल मंत्री थे। लेकिन बाद में दूसरी सरकार बनी तो ऐसे रेल मंत्री (लालू) आए, जिन्होंने हमारा (अटल सरकार) काम रोक दिया। राजनीति जो करते हैं करें, लेकिन उनकी राजनीति से नुकसान बिहार का हुआ है, बिहार की जनता का हुआ है। पिछले साल हमारी सरकार आई तो काम फिर शुरू हुआ। 
 
मोदी यहां नीतीश को लपेटने से भी नहीं चूके। बोले, यहां के नेता ट्वीट का मजाक उड़ाते थे। मेरा मजाक उड़ाते थे। आज उन्होंने (नीतीश ने) भी ट्वीट किया कि आप 14 महीने बाद बिहार आ रहे हैं, आपका स्वागत है। मुख्यमंत्री जी स्वागत के लिए मैं बहुत आभारी हूं। वक्त कैसे बदलता है। बदले हुए वक्त का अंजाम कैसा होता है। आप ही कहा करते थे कि हमारे पास एक मोदी है, दूसरे मोदी की क्या जरूरत? आप बिहार मत आइए। आपको बिहार आने की क्या जरूरत? आज देखिए अपनों का विरह कितना परेशान करता है। पिछले 10 साल जो पीएम थे वो 10 साल में एक बार हवाई निरीक्षण करने आए थे। मेरा 14 महीने का विरह भी सीएम साहब को दुखी कर रहा है।
 
जब मोदी बोले तो भला लालू प्रसाद भी कहा चुप रहने वाले थे। उन्होंने कहा कि पटना में मोदी ने कुछ भी नया नहीं कहा। 'वे बोल रहे हैं कि तोहफा देने आए हैं, लेकिन सच तो यह है कि वे अपने लिए तोहफा लेने आए हैं।' क्या बिहार को स्पेशल स्टेटस मिल पाएगा? मीडिया के इस सवाल पर लालू ने कहा, 'मोदी ने किस राज्य में जाकर ऐसे वादे नहीं किए हैं। वो स्पेशल स्टेटस क्या देंगे, हम खुद ले लेंगे। वे जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर क्यों चुप हैं। क्यों उसे रोक कर रखा हुआ है।'
 
 

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