Edited By ,Updated: 27 Jul, 2015 10:40 AM
प्रौढ़ावस्था में पहुंच कर व्यक्ति जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने को बेहतर तरीके से तैयार कर लेता है लेकिन 45 वर्ष की उम्र के बाद प्राय: कई तरह की स्वास्थ्य.....
प्रौढ़ावस्था में पहुंच कर व्यक्ति जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने को बेहतर तरीके से तैयार कर लेता है लेकिन 45 वर्ष की उम्र के बाद प्राय: कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है । प्रौढ़ावस्था में स्वस्थ रहने के लिए निम्र बातों का अनुसरण व पालन करें ।
- सब्जी या दाल फीकी लगने पर ऊपर से नमक डालकर न खाएं ।
- बाजार के मसालेदार अचारों के बदले घर पर ही लौकी, नींबू आदि के कम तेल और मसाले के अचार बनवाकर सेवन करें ।
- अपना वजन घटाने के लिए डायटिंग न करें । यदि आप रोटी की मात्रा घटा रहे हैं तो भोजन में फल और सलाद की मात्रा बढ़ा दें ।
- मानसिक तनाव से बचें ।
- आप अपनी किसी हॉबी को बढ़ावा दें, ताकि आपको अकेलापन महसूस न हो ।
- नियमित रूप से अपना ब्लड प्रैशर चैक करवाते रहें । साल में एक-दो बार ब्लड शूगर, ई.सी.जी. वगैरह टैस्ट कराते रहें । इससे अचानक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा ।
- रजोनिवृत्ति के बारे में जानकारी रखें । अधिक परेशानी होने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर जरूर सलाह लें ।
- नियमित रूप से खुली हवा में भ्रमण करना शुरू कर दें तथा हल्का-फुल्का व्यायाम अवश्य करें ।
ऐसा न करें
- वजन जल्द घटाने के चक्कर में बहुत अधिक व्यायाम न करें । ऐसा करके आप थक जाएंगे और दिन भर सुस्त बने रहेंगे ।
- व्यायाम अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करें । यदि आपका कोई साथी मैदान के कई चक्कर लगाता है तो हो सकता है कि उसे शेष दिनचर्या में आपकी अपेक्षा कम श्रम करना पड़ता हो ।
- बहुत अधिक संयमित आहार न लें । कभी-कभी कुछ तले पदार्थ भी खाएं। संयमित आहार में शरीर के लिए सभी तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें । संयमित आहार लेने से रक्त में हीमोग्लोबिन के कम होने की संभावना रहती है ।
—राजा तालुकदार