पाकिस्तान ने पंजाब में भी शुरू कीं आतंकवादी गतिविधियां

Edited By ,Updated: 28 Jul, 2015 02:09 AM

article

अस्तित्व में आने के समय से ही पाकिस्तान के शासकों तथा वहां की सेना ने भारत विरोधी रवैया अपना रखा है।

अस्तित्व में आने के समय से ही पाकिस्तान के शासकों तथा वहां की सेना ने भारत विरोधी रवैया अपना रखा है। भारत के हाथों 1947, 1965, 1971 तथा 1999 (कारगिल) के युद्धों में मुंह की खा चुकने के बावजूद पाक सेना और शासक अपनी भारत विरोधी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।

एक ओर पाकिस्तान सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए भारत में जाली करंसी भेज रही है और नशीली दवाओं की तस्करी करवा कर भारत की युवा पीढ़ी का स्वास्थ्य तबाह कर रही है तो दूसरी ओर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को लगातार बढ़ावा दिए जा रही है।
 
इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर में  40 से अधिक कैम्प चल रहे हैं। जिनमें कम से कम 300 आतंकवादी ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसीलिए कश्मीर में 1990 के दशक में शुरू हुआ आतंकवाद अभी भी जारी है। 
 
जम्मू-कश्मीर में जारी आतंकवाद के साथ-साथ पाक समॢथत आतंकवादियों  द्वारा पंजाब में भी लगभग 2 दशक के बाद अब एक बार फिर आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिशें की जाने लगी हैं। 
 
 27 जुलाई सुबह साढ़े 5 बजे राज्य के सीमांत जिले गुरदासपुर के दीनानगर कस्बे में आतंकियों ने एक हमले में सुरक्षा बलों के 4 सदस्यों सहित 7 लोगों की हत्या कर दी। सेना की वर्दी में ए.के. 47 से लैस 3 आतंकवादियों के सम्बन्ध में संदेह है कि ये जम्मू और पठानकोट के बीच बिना बाड़ की सीमा के जरिए या जम्मू जिले के चक्कहीरा के रास्ते भारत में चोरी-छिपे घुस आए थे। 
 
यह भी संभव है कि उन्होंने हीरानगर के दक्षिण से पंजाब की सीमा में घुसपैठ की हो जहां अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ अनेक नदी-नालों वाले क्षेत्र हैं। वहां से वर्षा ऋतु में सीमा सुरक्षा बलों के जवानों को पीछे हटना पड़ता है और इससे घुसपैठ की संभावना बढ़ जाती है। 
 
भारत की सीमा में घुसपैठ करके एक बस द्वारा यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्होंने पंजाब रोडवेज की एक बस पर फायरिंग करके 5 लोगों को घायल किया और फिर एक कार चालक पर फायरिंग करके उससे कार छीन कर फायरिंग करते हुए दीनानगर थाने में घुस कर फायरिंग करने लगे। इस बीच अमृतसर-पठानकोट सैक्शन पर 5 जिंदा बम भी बरामद Þए जिस कारण अमृतसर-पठानकोट मार्ग पर कई रेलगाडिय़ां रद्द कर दी गईं। 
 
उत्तरी क्षेत्र के पूर्व कमांडर लैफ्टीनैंट जनरल एम.एल. छिब्बर को आशंका है कि भारत में पहले से ही इन आतंकियों के स्लीपर सैल मौजूद थे जिसकी वजह से वे इतनी आसानी से यहां तक पहुंच सके। पहले सीमांत इलाकों में ठीकरी पहरे लगा करते थे जिससे वहां किसी बाहरी या संदिग्ध व्यक्ति के आने का पता चल जाता था परंतु अब इनके बंद हो जाने से घुसपैठ आसान हो गई है। 
 
इसी प्रकार पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.पी. मलिक के अनुसार भारतीय सुरक्षा बलों में ‘पेशेवराना नजरिए’ का लोप हो रहा है तथा राजनीतिक हस्तक्षेप बढऩे से हमारे सुरक्षा बलों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। 
 
आज भी हमारी सीमाएं कमजोर हैं। उन्हें इसराईल की सहायता से मजबूत करने की योजना अभी भी अधर में लटकी हुई है। न सिर्फ सुरक्षाबलों में निम्र व उच्च स्तर पर स्टाफ की बल्कि आधुनिक हथियारों और गोला-बारूद की भी कमी है जिससे वे शत्रु का प्रभावी मुकाबला नहीं कर पाते। इसके विपरीत आतंकवादी लगातार अपने आपको आधुनिक संसाधनों से लैस कर रहे हैं। 
 
स्पष्टत: यह हमला भारतीय गुप्तचर तंत्र तथा भारतीय कूटनीति की असफलता का नतीजा है जिसके बारे में कांग्रेस के प्रवक्ता आर.पी.एन. सिंह ने कुछ दिन पूर्व कहा था कि ‘‘पाकिस्तान बारे भारत की विदेश नीति अंतर्राष्ट्रीय मजाक बन कर रह गई है।’’
 
चूंकि लै.ज. छिब्बर तथा जनरल मलिक ने पाक के विरुद्ध युद्धोंं में भाग लेकर अपने निजी अनुभवों के आधार पर ये टिप्पणियां की हैं, अत: इनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। पिछली यू.पी.ए. सरकार और वर्तमान एन.डी.ए. सरकार के बुलंद दावों के बावजूद देश की प्रतिरक्षा नीति में कोई उल्लेखनीय प्रगति देखने में नहीं आ रही है। 
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!