सरकार ने बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री परोसने वाली वेबसाइटों के अलावा अन्य पर से प्रतिबंध हटाया

Edited By ,Updated: 04 Aug, 2015 09:55 PM

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सरकार ने बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री नहीं परोसने वाली वेबसाइटों पर से प्रतिबंध हटाने का आज निर्णय किया। अश्लील ...

नई दिल्ली : सरकार ने बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री नहीं परोसने वाली वेबसाइटों पर से प्रतिबंध हटाने का आज निर्णय किया। अश्लील और हास्य सामग्री परोसने वाली 857 वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर तीखी आलोचना के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार विभाग ने 31 जुलाई को अपने आदेश में नैतिकता का हवाला देते हुए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से 857 वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने को कहा था। इसमें हास्य सामग्री साइट परोसने वाली 9जीएजी तथा कॉलेज ह्यूमर के साथ प्लेब्वाय शामिल थी।  
 
एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार अंतरिम उपाय के रूप में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री परोसने वाली साइटों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दे रही है। अन्य पर अदालत में सुनवाई के बाद विचार किया जाएगा।’’ सरकार के निर्देश के बाद से सोशल मीडिया तथा अन्य मंचों पर बहस छिड़ गई और सरकार पर इंटरनेट सेंसरशिप का आरोप लगाया गया। इसके बाद दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज उच्च स्तरीय बैठक की।  
 
उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में आईटी सचिव आर एस शर्मा तथा अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पिंकी आनंद समेत अन्य लोग शरीक हुए। बैठक के बाद प्रसाद ने कहा कि बैठक में यह निर्णय किया गया है कि आईएसपी से तत्काल उन वेबसाइसाइटों पर प्रतिबंध नहीं लगाने को कहा जाएगा जो अश्लील सामग्री नहीं परोसती। 
 
पूर्व के निर्देश के पीछे कारणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर तत्काल कदम उठाए गए। अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने उन कथित अश्लील सामग्री परोसने वाली वेबसाइटों की सूची पर कार्रवाई करने को कहा था जिसे याचिकाकर्ता ने उपलब्ध कराया था।’’ प्रसाद ने कहा कि सरकार इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर प्रतिबद्ध है।  उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सोशल मीडिया पर विचारों के प्रसार की सराहना करती है।
 
 हमने माईगाव प्लेटफार्म शुरू किया है जिसमें विकास एजेंडे के बारे में लोगों से राय मांगी गई है और लाखों लोग इसमें भाग ले रहे हैंं।’’  सरकारी अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध तब तक के लिए अस्थायी उपाय है जब तक शीर्ष अदालत मामले में अंतिम आदेश नहीं दे देती।  सरकार के कदम को लेकर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया के बारे में प्रसाद ने कल कहा था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार सोशल मीडिया तथा इंटरनेट की आजादी को लेकर प्रतिबद्ध है। 

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