Edited By ,Updated: 25 Aug, 2015 09:35 AM
हनुमंत उपासना अगर भक्ति, श्रद्धा, समर्पण एवं संलग्नता से की जाए तो उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार के अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से कोई ग्रस्त हो तो हनुमान जी की शरण में आने से सभी ग्रहों का क्रूर प्रभाव स्वत: ही दूर हो जाता है।
हनुमंत उपासना अगर भक्ति, श्रद्धा, समर्पण एवं संलग्नता से की जाए तो उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार के अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से कोई ग्रस्त हो तो हनुमान जी की शरण में आने से सभी ग्रहों का क्रूर प्रभाव स्वत: ही दूर हो जाता है। जहां हनुमान उपासना होती है वहां दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य रोग,शारीरिक कष्ट कभी समावेश नहीं कर पाते।
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तुलसी भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों को अर्पित की जाती है। तुलसी के अभाव में उनको कोई भी भोग अर्पित नहीं किया जाता। तुलसी भगवान राम को बहुत प्रिय है, जो चीज श्रीराम को प्रिय है वो हनुमान जी को तो प्रिय होगी ही।
* अगर प्रतिदिन हनुमान जी को 2 पत्ते तुलसी के चढ़ाएं जाएं तो घर में कभी भी अन्न और धन का अभाव नहीं रहता।
* हनुमान जी को गुड़ चने, मधु-मुनक्का, बेसन के मोदक, केले का भोग बहुत प्रिय है। भोग देते समय उसमें तुलसी पत्र अवश्य दें। याद रखें जब भी हनुमान जी को कोई भी भोग अर्पित करें तो उसमें तुलसी अवश्य डालें तभी वह तृप्त हो पाएंगे।
* परीक्षा में उत्तीर्ण होने एवं अच्छे अंक पाने के लिए नित्यप्रति 11 तुलसी के पत्ते मिश्री के साथ पीस कर सेवन करें।