यूपी: चीनी मिलों को गन्ना बेच रहे हैं मुर्दे!

Edited By ,Updated: 29 Aug, 2015 07:56 PM

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कोई डॉक्टर चाहकर भी मर चुके इंसानों में जान नहीं फूंक सकता, लेकिन कलम का खेल देखिए कि यूपी के बहराइच में मुर्दे भी चीनी मिलों को गन्ना बेच रहे हैं। इसका खुलासा यूनीक कोड के जरिए संभव हो सका है।

बहराइच: कोई डॉक्टर चाहकर भी मर चुके इंसानों में जान नहीं फूंक सकता, लेकिन कलम का खेल देखिए कि यूपी के बहराइच में मुर्दे भी चीनी मिलों को गन्ना बेच रहे हैं। इसका खुलासा यूनीक कोड के जरिए संभव हो सका है। गन्ना विभाग और सहकारी समितियों ने इस आधुनिक पद्धति से सर्वे कर 7,717 फर्जी सदस्यों का पदार्फाश किया है। इसमें तकरीबन 4,887 किसान ऐसे हैं, जो वर्षो पहले मर चुके हैं। इसके बावजूद गन्ना माफिया इनके नाम पर जारी पर्चो पर दूसरे गन्ना किसानों का हक मार रहे थे। कोड के आधार पर जब सदस्यों की जांच-पड़ताल की गई तो फर्जी सदस्यों के नाम सामने आए। उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है। अब विभाग आगे की कार्रवाई कर रहा है।
 
बहराइच के जरवल रोड और नानपारा में सहकारी समितियां हैं। चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति करने के पहले किसान को संबंधित क्षेत्र की गन्ना विकास समिति का सदस्य होना पड़ता है। समिति का सचिव उनका पंजीकरण करता है। समिति के पास किसान का पूरा विवरण रहता है। इसी आधार पर किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए पर्ची जारी की जाती है, लेकिन इस व्यवस्था को धता बताते हुए गन्ना माफिया ने पूर्व के वर्षों में बड़ी संख्या में फर्जी सदस्यों के नाम जोड़ लिए। फर्जी सदस्यों के नाम पर उन्होंने छोटे किसानों से कम कीमत पर गन्ना खरीदकर मिलों को अधिक कीमत पर आपूर्ति की। गन्ना विभाग इस फजीर्वाड़े को बखूबी जानता था, लेकिन लाखों सदस्यों के बीच फर्जी सदस्य ढूंढना बड़ी चुनौती थी।
 
विभाग ने गन्ना माफियाओं के पर कतरने के लिए कई बार हाथ-पैर चलाए, लेकिन निराशा हाथ लगी। आखिरकार गन्ना माफियाओं पर अंकुश के लिए यूनीक कोड का हथियार खोज निकाला गया। मौजूदा पेराई सत्र में गन्ना विभाग ने जिले में कोड के तहत सर्वे कराया, तो चौंकाने वाले परिणाम आए. यूनीक कोड में एक गन्ना किसान के गांव से लेकर इसके जिले तक के विवरण का रिकॉर्ड तैयार किया गया।
 
कोड लागू होने से पहले समितियों के एक लाख 51 हजार 35 किसान थे। लेकिन जब सर्वे हुआ तो 7,717 किसान फर्जी मिले। इनमें तकरीबन 4,887 किसान ऐसे मिले, जो कई वर्ष पूर्व मर चुके हैं। सबसे अधिक मृतक किसानों की संख्या नानपारा समिति में है। यहां 2,351 मृतक किसानों के नाम पर मिलों को अवैध तरीके से गन्ने की आपूर्ति हो रही थी। इसके अलावा जरवल रोड समिति में 1,927 और बहराइच गन्ना समिति में 609 मृतक किसानों का खुलासा हुआ है। जिला गन्ना अधिकारी राम किशन ने बताया कि यूनीक कोड से हुए सर्वे से जिले में यह खुलासा हुआ है। समितियों के सचिवों ने इनके नाम हटा दिए हैं, लेकिन अब इस बात की पड़ताल की जा रही है कि वे कौन लोग हैं जिनके जरिए इतनी बड़ी तादाद में गन्ना समितियों में फर्जी सदस्य बनाए गए। उन्होंने कहा कि नाम सामने आने पर कड़ी कार्रवाई होगी. फिलहाल जिनके नाम पर डबल सट्टे चल रहे हैं, उन्हें समितियों ने नोटिस जारी किया गया है।

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