Edited By ,Updated: 03 Sep, 2015 03:55 PM
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आज महागठबंधन को बड़ा झटका लगा ।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने बिहार चुनाव में अकेले ही उतरने का फैसला किया है। इस बात का एेलान सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने गुरुवार को किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के संसदीय दल की बैठक में हुआ है। यादव के मुताबिक, पार्टी वहां कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला मुलायम सिंह यादव बिहार के कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद तय करेंगे।
प्रोफेसर राम गोपाल ने कहा कि सपा ने बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर कोई आकलन भी नहीं किया था। सीटों के बंटवारे के बारे में भी किसी की राय नहीं ली गई थी। इसी कारण से सपा का महागठबंधन में विलय नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बिहार में हमको जितनी सीटें महागठबंधन दे रहे है, उससे कई गुना जीतेंगे। उन्होंने कहा अब गठबंधन टूटने का कौन जिम्मेदार मैं नहीं जानता। राम गोपाल ने कहा कि हमको बिहार में सिर्फ पांच सीट देकर सपा को अपमानित किया गया। पार्टी अब बिहार में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी।
दरअसल महागठबंधन में सीट बंटवारे से नाराज सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित स्वामिभान रैली में न जाकर आपने इरादे बता दिए थे। हालांकि उस रैली में शिवपाल यादव को जरूर भेजा गया था।
सीट बंटवारे के बाद से ही सपा के अंदर इस गठबंधन को लेकर नाराजगी चल रही थी। उसके बाद सीट बंटवारे में भी मात्र 2 सीटें देकर सपा का अपमान किया गया।जब इस मामले में पार्टी की ओऱ से विरोध जताया गया तो आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने तीन और सीटें देने का ऐलान किया।
लेकिन ये वो सीटें एनसीपी के महागठबंधन से हटने के बाद खाली हुई थीं। इससे सपा सुप्रीमो और नाराज हो गए। इतना ही नहीं पूरे सीट बंटवारे में सपा को बाहर रखा गया और सिर्फ कितनी सीटें दी जा रही हैं इसका फरमान सुना दिया गया।
इस मामले को लेकर बिहार सपा की इकाई महागठबंधन के नेताओं से कई बार विरोध दर्ज करा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। माना जा रहा है सीटों के बंटवारे के इस खेल के पीछे लालू यादव का हाथ है।
लालू राज्य में यादव वोट बैंक के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं इसलिए वो सपा को खास तवज्जो देने के लिए तैयार नहीं है लेकिन इस पूरे मामले में साफ हो गया है कि गठबंधन के नेता भले ही नीतीश हों लेकिन पूरी बागडोर लालू यादव के हाथ मे है।