Edited By ,Updated: 05 Sep, 2015 05:12 PM
इंदौर में सात साल की एक मासूम बच्ची टाइफाइड से मौत हो गई। मरने से पहले यह बच्ची दो लोगों की अंधेरी जि़ंदगी को रोशन कर गई।
इंदौर: इंदौर में सात साल की एक मासूम बच्ची टाइफाइड से मौत हो गई। मरने से पहले यह बच्ची दो लोगों की अंधेरी जि़ंदगी को रोशन कर गई। जानकारी मुताबिक कृष्णबाग कॉलोनी निवासी सांईनाथ वाडेकर की बेटी भाव्या को टाइफाइड हो गया। भाव्या का इलाज कई अस्पताल में कराया गया लेकिन कोई आराम नहीं पहुंचा। आखिर टाइफाइड से शुक्रवार को भाव्या की मौत हो गई।
मीडिया से बातचीत के दौरान सांईनाथ वाडेकर ने बताया कि भाव्या को टाइफाइड हो गया था। जिसके इलाज के लिए उसे भवन अस्पताल में भर्ती करवाया गया। तबीयत में सुधार होने पर दो दिन पहले ही उसे छुट्टी मिली थी। एक दिन शाम को अचानक भाव्या की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद दोबारा जब भाव्या को इलाज के लिए अस्पताल ले जाकर गए। रास्ते में अचानक उसने मुझसे कहा कि पापा अगर मैं इस दुनिया में न रही तो मेरी आंखे डोनेट कर देना। उसने कहा पापा मेरा यह सपना जरुर पूरा करना। वाडेकर ने कहा कि बेटी से मुंह से यह बात सुनते ही मेरी आंखो से आंसू आ गए और मैंने बच्ची को गले लगा लिया।
वाडेकर ने कहा कि जब हम अस्पताल पहुंचे तो डाक्टरों ने काफी कोशिश की, लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए। वाडेकर ने कहा कि जब डॉक्टरों ने बाहर आकर बताया कि वह भाव्या को बचा नहीं पाए तो मैंने तुरंत उसकी आंखे किसी को दान करने का फैसला कर लिया। भाव्या की आंखें अब दो लोगों को लगाई जाएंगी। जिससे वह मर कर भी दुनिया को देख सकेगी।