जॉर्डन के अखबार को दिए इंटरव्यू में बोले राष्ट्रपति मजहब सत्ता पाने का हथियार न बने

Edited By ,Updated: 09 Oct, 2015 09:02 AM

president pranab mukherjee says religion must not be used as mask to satisfy hunger for power

बीफ पर बढ़े विवाद पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चेताते हुए कहा कि नफरत और भय फैलाने वाली बातें बंद की जानी चाहिए।

नई दिल्ली: बीफ पर बढ़े विवाद पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चेताते हुए कहा कि नफरत और भय फैलाने वाली बातें बंद की जानी चाहिए। साथ ही कहा कि धर्म का इस्तेमाल सत्ता की भूख को संतुष्ट करने के लिए न हो। जॉर्डन दौरे से पहले अरबी दैनिक अल गहद को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने ये सारी बातें कहीं। प्रणब ने कहा कि हमें कुछ व्यक्तियों की सत्ता की भूख को संतुष्ट करने और नियंत्रण के लिए धर्म का इस्तेमाल मुखौटे की तरह करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।

राष्ट्रपति की यह टिप्पणी यूपी के दादरी में 50 साल के इखलाक की गोमांस की अफवाह पर पीट-पीटकर मार दिए जाने पर हो रही राजनीति पर आई है। प्रणब ने कहा कि कि सहिष्णुता और सह-अस्तित्व हमारी सभ्यता के बुनियादी सिद्धांत हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देशों के बीच सह अस्तित्व के लिए पंचशील का सिद्धांत दिया था, हमें मध्य मार्ग की आवाज को बुलंद करना चाहिए।

प्रणब ने कहा कि वह जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला से सहमत हैं कि तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा है तथा हमें इस स्थिति से समान भावना से निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें एक-दूसरे के पंथ की मूल भावनाओं की ओर लौटना चाहिए। उन्होंने अब्दुल्ला के एक भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि हर देश, हर मत, पड़ोस के नेताओं को किसी भी तरह की असहिष्णुता के प्रति स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए। प्रणब 10 अक्तूबर से जॉर्डन, फलस्तीन और इजरायल की यात्रा शुरू करेंगे।
 

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