संसद का शीतकालीन सत्र: आमिर खान को गृह मंत्री राजनाथ सिंह का करारा जवाब

Edited By ,Updated: 26 Nov, 2015 03:40 PM

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संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है। इस सत्र में जीएसटी जैसे अहम बिल पास होने की उम्मीद है और इस पर बाजार की नजरें बनी हुई है।

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है। इस सत्र में जीएसटी जैसे अहम बिल पास होने की उम्मीद है और इस पर बाजार की नजरें बनी हुई है। वहीं विपक्ष एकजुट होकर सरकार को असहिष्णुता के मुद्दे पर घेरने के लिए तैयार है। हालांकि, महत्वपूर्ण जीएसटी विधेयक पर नरमी के आसार नजर आ रहे हैं, जहां दोनों पक्षों ने इस पर चर्चा के लिए सहमति जताई है।
 
सोनिया गांधी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि संविधान के सिद्धांतों पर जानबूझ कर हमला करने वाले ही संविधान का नाम जप रहे हैं और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता जताने में अगुवा बनने की कोशिश कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘आज एक खुशी का दिन है, लेकिन दु:ख का भी है। दु:ख इसलिए है कि संविधान के जिन आदर्शों और सिद्धांतों ने, हमें दशकों से प्रेरित किया है, आज उन पर खतरा मंडरा रहा है, उन पर जान-बूझकर हमला हो रहा है। हमने पिछले कुछ महीनों में जो कुछ देखा है, वह पूरी तरह से उन मूल्यों के खिलाफ है जिन्हें संविधान द्वारा सुनिश्चित किया गया है। जिन लोगों की संविधान में किसी तरह की आस्था नहीं रही है, न इसके निर्माण में जिनकी कोई भूमिका रही है, वे आज इसका नाम जप रहे हैं, वे आज इसके अगुआ बनना चाहते हैं, वे आज संविधान के प्रति वचनबद्धता पर बहस कर रहे हैं।’’ उन्होंने सवाल किया कि इससे बड़ा मकााक और क्या हो सकता है। 
 
आमिर खान को गृह मंत्री राजनाथ सिंह का करारा जवाब
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में आमिर खान को करारा जवाब देते हुए कहा कि डॉ अंबेडकर ने दलित होने के चलते बहुत उपेक्षा झेली होगी, लेकिन इसके बावजूद कभी किसी तीसरे देश में जाने की नहीं सोची। उनके इतना बोलते ही लोकसभा में विपक्ष ने इस पर सवाल खड़े कर दिए।
 
देश के संविधान की प्रस्तावना में शामिल ‘सेकुलर’ शब्द का सबसे ज्यादा राजनीतिक दुरुपयोग हुआ है और शायद यही वजह है कि संंविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मूल संविधान में इस शब्द को नहीं जोड़ा था। गृहमंत्री ने कहा कि संविधान भारत की आत्मा का स्थायी प्रतिबिंब है और इसे एक पवित्र ग्रंथ के रूप में देखा जाना चाहिअ। संविधान में लिखित शहिदों का राजनीतिक दुरुपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे सामाजिक सौहार्द बनाये रखने में कठिनाई होती है।
 
वार्ता के लिए संसद सबसे उपयुक्त जगह: PM मोदी
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उम्मीद व्यक्त की कि संसद का शीतकालीन सत्र सर्वश्रेष्ठ विचारों, सर्वश्रेष्ठ चर्चाओं और सर्वश्रेष्ठ नवोन्मेषी सुझावों से चमकेगा। उन्होंने कहा कि वार्ता के लिए संसद सबसे उपयुक्त जगह है। मुझे उम्मीद है कि सभी सांसद लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
 

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