Edited By ,Updated: 29 Nov, 2015 08:38 AM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समलैंगिक अधिकारों का समर्थन करते हुए एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट को धारा 377 पर फिर से समीक्षा करने की जरूरत है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समलैंगिक अधिकारों का समर्थन करते हुए एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट को धारा 377 पर फिर से समीक्षा करने की जरूरत है। जेटली ने कहा कि समलैंगिक सेक्स को अपराधमुक्त किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने भी जेटली की बातों का समर्थन किया।
जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को समलैंगिकता पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को नहीं बदलना चाहिए था। सर्वोच्च न्यायलय को गे राइट्स पर अपने 2013 के फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। समलैंगिकता पर उच्चतम न्यायालय का फैसला 50 वर्ष पहले प्रासंगिक हो सकता था।