Edited By ,Updated: 01 Dec, 2015 04:22 PM
असहिष्णुता पर बढ़ते विवाद के बीच कड़ा संदेश देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि लोगों को अपने मन ...
अहमदाबाद : असहिष्णुता पर बढ़ते विवाद के बीच कड़ा संदेश देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि लोगों को अपने मन मस्तिष्क से विभाजनकारी विचारों को हटाना चाहिए तथा सार्वजनिक अभिव्यक्ति को ‘‘सभी तरह की हिंसा’’ से मुक्त करना चाहिए। उन्होंने विभाजनकारी विचारों को ‘‘असल गंदगी’’ करार दिया जो गलियों में नहीं, बल्कि ‘‘हमारे दिमाग में और समाज को विभाजित करने वाले विचारों को दूर करने की अनिच्छा में है ।’’
प्रणब ने कार्यक्रमों की श्रृंखला को संबोधित करते हुए भारत के बारे में महात्मा गांधी की सोच का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने एक समावेशी राष्ट्र की कल्पना की थी जहां देश का हर वर्ग समानता के साथ रहे और उसे समान अवसर मिलें। सरकार के स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बापू के अनुसार स्वच्छ भारत का मतलब स्वच्छ दिमाग, स्वच्छ शरीर और स्वच्छ वातावरण से था।’’ साबरमती आश्रम में अभिलेखागर और शोध केंद्र का उद्घाटन करते हुए प्रणब ने कहा, ‘‘भारत की असल गंदगी हमारी गलियों में नहीं, बल्कि हमारे दिमागों में और समाज को ‘उनके’ तथा ‘हमारे’ और ‘शुद्ध’ एवं ‘अशुद्ध’ के बीच बांटने के विचारों से मुक्ति पाने की अनिच्छा में है ।’’
जुलाई 2012 में देश का सर्वोच्च पद संभालने के बाद गुजरात के अपने पहले तीन दिवसीय दौरे पर आए प्रणब ने कहा, ‘‘हमें प्रशंसनीय और स्वच्छ भारत मिशन को हर हाल में सफल बनाना चाहिए । हालांकि इसे मस्तिष्कों को स्वच्छ करने और गांधी जी की सोच के सभी पहलुओं को पूरा करने के लिए एक अत्यंत बड़े और वृहद प्रयास की महज शुरूआत के रूप में देखना चाहिए ।’’