Edited By ,Updated: 07 Feb, 2016 02:58 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत आने वाले दिनों में ऐसी तकनीक अपनाने जा रहा है जो किफायती और स्थायी होगी और उसका न तो पर्यावरण पर कोई विपरीत असर पड़ेगा और न ही उसमें कोई दोष होगा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत आने वाले दिनों में ऐसी तकनीक अपनाने जा रहा है जो किफायती और स्थायी होगी और उसका न तो पर्यावरण पर कोई विपरीत असर पड़ेगा और न ही उसमें कोई दोष होगा। मोदी ने आज सुबह यहां राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं शोध संस्थान को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा, ‘‘हमें ऐसी प्रौद्योगिकी अपनानी चाहिए जिसका पर्यावरण, जलवायु, वैश्विक ताप वृद्धि और समाज पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं हो।’’ उन्होंने कहा कि इस नई तकनीक में किसी प्रकार का कोई दोष नहीं होगा और इसका प्रयोग न केवल देश में बल्कि विश्वभर में किया जाएगा।
मोदी ने एलईडी बल्ब के आविष्कार को कियाफती और स्थायी तकनीक का एैसा उदाहरण बताया जिससे बिजली की काफी बचत होती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में शिक्षक, छात्र काम कर रहे हैं। खोज को आम लोगों तक पहुंचना एक चुनौती है। प्रधानमंत्री यहां से पुरी के जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और वहां उन्होंने भगवान के दर पर मत्था टेका। इसके बाद पीएम ने पारादीप ऑयल रिफायनरी राष्ट्र को समर्पित किया।
मोदी ने कहा, 'इमारतों से परिणाम नहीं आते, परिणाम तब आते हैं जब इमारतों से आत्माएं जुड़ती हैं सिर्फ सीमेंट और ईंटों से नहीं, लोगों की प्रेरणाओं से संस्थान बनते हैं। उन्होंने एनआईएसईआर कैंपस को देश का सबसे हरा-भरा कैंपस बनाने की अपील की और कहा कि इसे हरा-भरा बनाने के अलावा सोलर टेक्नोलॉजी से जीरो डिस्चार्ज के साथ चलाने के बारे में सोचना चाहिए। मोदी ने कहा, 'जिस क्षण आविष्कार रुकते हैं, सिस्टम खत्म हो जाता है। हर समाज, हर युग को आविष्कार की जरूरत होती है। हर घंटे इनोवेशन की जरूरत रहती है।' उन्होंने कहा कि बच्चों की विज्ञान में दिलचस्पी बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने यह भी अपील की कि 2020 तक हर गरीब को घर देने में विज्ञान मदद करे।