Edited By ,Updated: 09 Feb, 2016 07:40 PM
क्या यूट्यूब सरकार द्वारा अपलोड की गई सामग्री से कमाई कर रही है? दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज प्रमुख इंटरनेट कंपनी गूगल से यह सवाल किया और जवाब दाखिल करने को कहा।
नई दिल्ली: क्या यूट्यूब सरकार द्वारा अपलोड की गई सामग्री से कमाई कर रही है? दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज प्रमुख इंटरनेट कंपनी गूगल से यह सवाल किया और जवाब दाखिल करने को कहा। न्यायाधीश बी डी अहमद व न्यायाधीश संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा,‘हमें गूगल आयरलैंड व सूचना व प्रसारण मंत्रालय एमआईबी के बीच एक फरवरी 2013 को हुए समझौते के बारे में बताया गया है। एक मुद्दा उठता है कि गूगल क्या एमआईबी की उस सामग्री से पैसा कमा रही है जो उसने यूट्यूब पर अपलोड की?’
अदालत ने गूगल इंक व गूगल इंडिया के वकीलों से इस सवाल का जवाब देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि अदालत भाजपा के पूर्व नेता के एन गोंविदाचार्य द्वारा दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। इस याचिका में सरकार द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सवाल उठाए गए हैं।
गोविंदाचार्य के वकील विराग गुप्ता ने अदालत में दावा किया कि यूट्यूब सरकार द्वारा डाली गई सामग्री से कमाई कर रही है। इस पर अदालत ने उक्त सवाल खड़ा किया। गुप्ता ने यह भी कहा कि चूंकि यह कंपनी सरकारी साग्री के आधार पर कथित रूप से कमाई कर रही है लिहाजा उसे कर चुकाना चाहिए। इस बीच अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि अदालत के निर्देश पर एक अन्य हल्फनामा दाखिल किया जाएगा जिसमें संकेत होगा कि फेसबुक, ट्वीटर व व्हाट्सएप जैसी अन्य सोशल मीडिया कंपनियों के साथ समझौते क्या है। इस मामले में अब अगली सुनवाई नौ मार्च को होगी।