बैंकों की हालत सुधारने के लिए गहरे आपरेशन की जरूरतः राजन

Edited By ,Updated: 12 Feb, 2016 10:17 AM

rbi raghuram rajan

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने इस बात पर जोर दिया कि बैंकों की बैलेंसशीट साफसुथरी होने पर आगे वे अधिक

मुंबई: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने इस बात पर जोर दिया कि बैंकों की बैलेंसशीट साफसुथरी होने पर आगे वे अधिक कर्ज सहायता देने में समर्थ होंगे और कहा कि इसके लिए इनका 'गहरा आपरेशन' करना बहुत जरूरी है।  

 

राजन ने चिकित्सा शास्त्र की शब्दावली में कहा शल्क क्रिया के लिए जैसे पहले बेहोशी की दवा सुंघानी पड़ती हैं और बैंकों में एनपीए 'वसूल नहीं हो रहे कर्जों' को स्वीकार करना एक बेहोशी की दवा है। रिजर्व बैंक के बही खाते को मार्च, 2017 तक साफ-सुथरा करने के निर्देश को लेकर बेचैन बैंकों को ढांढस बंधाने का प्रयास करते हुए राजन ने कहा कि फिलहाल बैंकों की परिसंपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा (एक्यूआर) दुबारा नहीं की जाएगी। 

 

एनपीए की घोषणा के बदलने पूंजी खर्च के ऊंचे प्रावधान से खास कर सरकारी बैंकों का मुनाफा प्रभावित हुआ है और उनके शेयरों में जोरदार गिरावट आई है जिससे निवेशकों की पूंजी घटी है। राजन ने उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए बैंकरों से कहा, "हम एक्यूआर बार बार नहीं करना चाहते।" उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया कि एक्यूआर से से बैंकों की स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है और उनका लाभ और शेयरों के भाव प्रभावित हुए हैं। 

 

एक्यूआर के तहत रिजर्व बैंक ने बैंकों से कर्ज चुकाने में चूक करने वाले बड़े कर्जदारों की पहचान भी करने को कहा है। राजन ने इस बात को भी स्वीकार किया सरकारी बैंकों के नतीजे अच्छे नजर नहीं आते। जनवरी मध्य यानी 15 जनवरी से सैंसेक्स में करीब 6 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी दौरान बैंकों ने अपने तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित करने शुरू किए हैं। इस अवधि में बैंकेक्स करीब 8 प्रतिशत टूटा है। 

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