श्रद्धेय चीनी भिक्षु की ममी बना कर उन्हें सोने के वरक में लपेटा

Edited By ,Updated: 28 Apr, 2016 09:44 PM

revered by chinese monk mummies wrapped in gold leaf

चीन के एक परम पूज्य बौद्ध भिक्षु की ममी बनाकर उनके शव को सोने के वरक में लपेटा गया। कड़ी बौद्ध परंपराओं का पालन करने वाले क्षेत्रों में यह प्रक्रिया पवित्र लोगों के साथ की जाती है।

बीजिंग: चीन के एक परम पूज्य बौद्ध भिक्षु की ममी बनाकर उनके शव को सोने के वरक में लपेटा गया। कड़ी बौद्ध परंपराओं का पालन करने वाले क्षेत्रों में यह प्रक्रिया पवित्र लोगों के साथ की जाती है। मंदिर के प्रभारी ली रेन ने बताया कि भिक्षु फू होउ का निधन 94 वर्ष की उम्र में 2012 में हुआ। 

 
उन्होंने अपने जीवन का ज्यादातर हिस्सा दक्षिण-पूर्वी चीन के क्वानझाउ शहर में स्थित चोंगफु मंदिर में गुजारा था। 17 वर्ष की उम्र में बौद्ध धर्म अपनाने वाले फू होउ के मन में धर्म के लिए आस्था को सम्मान देने के लिए मंदिर ने शव की ममी बनाने का फैसला लिया। रेन ने बताया कि मृत्यु के तुरंत बाद भिक्षु के शव को स्नान कराया गया और दो ममी विशेषज्ञों ने उनका उपचार किया। फिर उन्हें बैठी अवस्था में चीनी मिट्टी के एक बड़े पात्र में डालकर बंद कर दिया गया।  
 
उन्होंने बताया, तीन साल बाद जब पात्र को खोला गया तो भिक्षु का शव बिल्कुल सही अवस्था में मिला। शव की त्वचा सूख जाने के अलावा उसमें क्षय के थोड़े लक्षण थे। स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, भिक्षु के शरीर को शराब से धोया गया। फिर उसे महीन जालीदाीर कपड़े में लपेटा गया, उसके उपर लाख की परत चढ़ाई गयी और अंतत: उसपर सोने का वरक चढ़ाया गया। सबसे अंत में शव को कपड़े पहनाए गए। खबर के अनुसार, भिक्षु को रखने के लिए कांच का बक्सा मंगाया गया है जिसमें चोरी से बचाने का उपकरण भी लगाया जाएगा। खबरों के अनुसार, स्थानीय बौद्ध विश्वास के अनुसार सिर्फ परम पूज्य भिक्षु का शव ही ममी बनाने के बाद सुरक्षित रह सकता है।  ली रेन ने बताया, ‘‘भिक्षु फू होउ को अब पर्वत पर रखा जा रहा हैं, जहां लोग उनकी पूजा कर सकेंगे।’’ 

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