Edited By ,Updated: 03 May, 2016 09:32 AM
चारधाम यात्रा का आरंभ ऋषिकेश से होता है इसलिए इसे पहला पड़ाव कहा जाता है। 2013 में आई आपदा के उपरांत इस वर्ष अधिक से अधिक यात्री चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा का आरंभ ऋषिकेश से होता है इसलिए इसे पहला पड़ाव कहा जाता है। 2013 में आई आपदा के उपरांत इस वर्ष अधिक से अधिक यात्री चारधाम यात्रा के लिए जाएंगे ऐसी उम्मीद की जा रही है। संयुक्त रोटेशन व्यवस्था और जीएमवीएन के पास हो रही एडवांस बुकिंग से अनुमान लगाया जा रहा है कि यात्री उत्साहित हैं।
राज्यपाल ने चारधाम यात्रा से संबंधित कार्यकर्ताओं को 30 अप्रैल तक तैयारियां पूर्ण करने के लिए कहा था। शनिवार को राज्यपाल द्वारा निर्धारित तारीख पूर्ण हो चुकी है लेकिन जांच में पाया गया कि तैयारियां अभी भी अधूरी हैं विभागीय अधिकारी तैयारियों को लेकर गंभीर नहीं हैं।
संयुक्त बस अड्डे पर बुनियादी सहूलियतों का अभाव है। जाम से निपटने के लिए प्लान उपस्थित नहीं है। ऋषिकेश-हरिद्वार के मध्य जा रही सड़क का चौड़ीकरण कार्य पूरा नहीं हुआ है।
संयुक्त यात्रा बस अड्डे की हाईमास्ट लाइट अभी तक ठीक नहीं हुई है। चारधाम यात्रा का आरंभ होते ही यहां से लगभग 50 से 60 बसें रोजाना आती-जाती हैं औसत पांच हजार यात्री हर रोज पहुंचते हैं। अड्डे पर सभी स्ट्रीट लाइटें भी ठीक से काम नहीं कर रही।
वैकल्पिक पार्किंग व्यवस्था भी नहीं की गई है। अभी भी बेतरतीब पार्किंग हो रही है जो यात्रियों के लिए मुसीबत बन सकती है।
ऋषिकेश में आमतौर पर जाम लगा रहता है। इसके अतिरिक्त बदरीनाथ हाईवे पर ऋषिकेश से हरिद्वार के मध्य जाम लगता है लेकिन इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं है।
हाईवे का चौड़ीकरण कार्य भी अधूरा है। निर्माणदायी संस्था ने आरंभ में तेजी दिखाई लेकिन अभी भी कार्य मंद पड़ा है। जिन स्थानों पर चौड़ीकरण हुआ वहां विद्युत पोल खड़े हैं, जो खुले तौर पर दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं।