Edited By ,Updated: 04 May, 2016 04:46 PM
एक तरफ जहां वर्ष 1998 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करते हुए एप्पल का शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं वहीं केंद्र से भी कंपनी को बड़ा झटका लगा है।
नई दिल्ली: एक तरफ जहां वर्ष 1998 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करते हुए एप्पल का शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं वहीं केंद्र से भी कंपनी को बड़ा झटका लगा है। एप्पल के शेयर सोमवार को लगातार 8 सैशनों में गिरे। इससे कम्पनी की मार्कीट वैल्यू को 73.89 बिलियन डालर का नुक्सान हुआ। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने एप्पल को उसके पुराने स्मार्टफोन्स को आयात करने और यहां बेचने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
इस मामले पर सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि इससे देश में खतरनाक ई-कचरा बढ़ेगा जो कि पर्यावरण के लिहाज से सही नहीं होगा। स्मार्टफोन निर्माता कंपनी के लिए सरकार का यह फैसला बहुत बड़ा झटका है क्योंकि वह भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने की तैयारी कर रही है। दुनिया भर में आईफोन की सेल में कमी के बीच एप्पल के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में भारत में कारोबार को लेकर उम्मीद जताई थी। केंद्र ने पिछले साल अगस्त में ही नोकिया, एप्पल और आईबीएम जैसी कंपनियों की ओर से यूज्ड फोन और इलैक्ट्रॉनिक आइटम्स के आयात पर रोक लगा दी थी। एप्पल ने इसे हटाने की मांग की थी, जिसे पर्यावरण मंत्रालय ने खारिज कर दिया।
सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया क्योंकि भारतीय फोन निर्माता कंपनियों ने इशका विरोध किया था और कहा था कि अगर सरकार इस पर रोक नहीं लगाती है तो इससे देश में पुराने फोन्स की बाढ़ आ जाएगी। यही नहीं इससे मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' की नीति पर भी गलत असर पड़ेगा।