आज है अमावस की रात, अक्षय फल की प्राप्ति के लिए करें खास उपाय

Edited By ,Updated: 06 May, 2016 08:54 AM

vaishakh mass amavasya

वैशाख मास स्नान, दान, हरिनाम संकीर्तन एवं पितरों के निमित्त किए जाने वाले सभी कर्मों के लिए उचित एवं श्रेष्ठ है। इस मास का धर्म ही सभी के लिए सुख-साध्य है और यह सभी का उपकार करने वाला है। वैसे तो सूर्य के मेष राशि में स्थित होने से इस मास की सभी...

वैशाख मास स्नान, दान, हरिनाम संकीर्तन एवं पितरों के निमित्त किए जाने वाले सभी कर्मों के लिए उचित एवं श्रेष्ठ है। इस मास का धर्म ही सभी के लिए सुख-साध्य है और यह सभी का उपकार करने वाला है। वैसे तो सूर्य के मेष राशि में स्थित होने से इस मास की सभी तिथियां ही पुण्यदायिनी हैं और इन दिनों में किया गया कोई भी  पुण्य कर्म कोटि-कोटि गुणा अधिक पुण्य फलदायक होता है परंतु इस मास की अमावस तिथि जहां मनुष्यों को मोक्ष प्रदान करने वाली है वहीं यह दिन पितृ कर्मों के लिए बढिय़ा है। इस बार अमावस 6 मई को है। अमावस पर किसी भी तीर्थ स्थल पर स्नान करना भी श्रेष्ठ है।

क्या करें- 

अमावस तिथि में पितरों के निमित्त ही दान आदि किया जाता है तथा यह दिन  पितरों को भी अति प्रिय है। इस दिन कुम्भ सहित श्राद्घ एवं पिण्डदान करना चाहिए। जो लोग इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए जल से भरा हुआ घड़ा एवं  पिण्ड़ दान करते हैं उन्हें अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस दिन स्नानादि क्रियाओं से  निवृत होकर अपने पितरों के लिए विधिवत पूजन करें तथा ब्राह्मणों को अनेक  प्रकार के वस्त्र, चप्पल, छाता, फल, मिठाई आदि का सामान संकल्  करके दक्षिणा सहित भेंट करें। जिन जातकों की कुण्डली में पितरदोष लगा हो उन्हें अमावस के दिन अपने  पितरों को प्रसन्न करने और उनकी कृपा का पात्र बनने के लिए अवश्य ही  यथासम्भव दान आदि करना चाहिए। वैसे भी जिन लोगों को अपने पितरों की किसी तिथि आदि का न पता हो वह भी अमावस को ही पितरों के लिए दानादि दे सकते हैं।

वीना जोशी

veenajoshi23@gmail.com

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