Edited By ,Updated: 06 May, 2016 06:56 PM
इराक के सिंजार टाउन पर 2014 में आईएसआईएस के कब्जे के बाद से ही कुछ यजीदी महिलाओं ने बंदूक उठा ली थी, ताकि वह अपना इलाका दोबारा पा सके।
इराकः इराक के सिंजार टाउन पर 2014 में आईएसआईएस के कब्जे के बाद से ही कुछ यजीदी महिलाओं ने बंदूक उठा ली थी, ताकि वह अपना इलाका दोबारा पा सके। ये महिलाएं कुर्दिश पेशमर्गा की फीमेल यूनिट का पार्ट हैं। आईएसआईएस अातंकी इन फाइटर्स से बहुत डरते हैं। उनका मानना है कि महिला के हाथों मौत से उन्हें जन्नत नसीब नहीं होगी।
पति काे छाेड़ थामी बंदूक
फाइटर्स का कहना है कि आईएस ने उनके 8 इलाकों पर कब्जा कर लिया। उनके सामने कई बच्चे मारे जा रहे थे। यजीदी महिलाओं के रेप, मारपीट और कत्ल का बदला लेने के लिए उन्हाेंने हाथ में बंदूक लेकर फाइटर्स बनने की ठानी और कई महिलाएं अपने पति काे छोड़कर यहां कम्युनिटी को लोगों की सिक्युरिटी के लिए आ गई।
कौन हैं कुर्दिश महिला फाइटर्स?
वायपीजी यानी कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स में 50 हजार से द्यादा फाइटर्स हैं। इसमें 20% महिला फाइटर्स शामिल हैं। इन महिला फाइटर्स में से ज्यादातर की उम्र 18 से 25 साल के बीच की है। इनमें से बहुत सी ऐसी महिलाएं भी हैं, जिनका घर-परिवार है। ये आपस में सभी एक-दूसरे को कामरेड कहकर संबोधित करती हैं, जिसका मतलब है कि वो हर चुनौती का सामना मिलकर करेंगी।