Edited By ,Updated: 27 May, 2016 01:41 PM
मोदी सरकार के 2 साल पूरे होने पर भाजपा जहां पूरे देश में जश्न मना रही है, वहीं इसके उलट श्रम कार्यालय के सरकारी सर्वे ने सबको हैरान कर दिया है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार के 2 साल पूरे होने पर भाजपा जहां पूरे देश में जश्न मना रही है, वहीं इसके उलट श्रम कार्यालय के सरकारी सर्वे ने सबको हैरान कर दिया है। 8 सेक्टर्स पर किए गए सर्वे के मुताबिक, इस तिमाही में नौकरी मिलने के अवसर पिछले सालों में सबसे कम हुए हैं। इसमें टेक्सटाइल, लेदर, मेटल, ऑटोमोबाइल और जूलरी आदि शमिल थे।
मोदी से आगे रहे मनमोहन
इनकी 1 हजार 932 यूनिट का अध्यन करने पर पता लगा कि जहां 2013 में 4.19 लाख नौकरियां निकली थीं, वहां आंकड़ा 2014 में 4.21 लाख पहुंचा। लेकिन साल 2015 में वह 1.35 लाख पर ही अटक गया। रिपोर्ट के इन आंकड़ों से साफ है कि रोजगार देने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आगे निकल गए। देश में नौकरी के अवसर कितने बढ़े और कितने कम हुए इसके लिए 2009 में पहली बार इस प्रकार का सर्वे किया गया था।
हर महीने 10 लाख नौकरियां
यह आंकड़े इसलिए भी हैरान कर देने वाले हैं क्योंकि हर महीने लगभग 10 लाख नौजवान नौकरियों की तलाश में मार्केट में उतर आते हैं। इस डाटा से पता लगा है कि आईटी और बीपीओ सेक्टर के हालात बाकियों के मुकाबले काफी ठीक हैं। पिछली एक साल में इस सेक्टर में नौकरी के अवसर मजदूर प्रधान 8 सेक्टर से ज्यादा रहे। साल 2015 में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश सर्विस सेक्टर में जून 2014 से सितंबर 2015 तक आईटी/बीपीओ में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर रहे।