भारतीय IT कम्पनियों को H-1B वीजा के लिए अब 4000 डॉलर ज्यादा देने होंगे

Edited By ,Updated: 27 May, 2016 04:24 PM

h1b visas narendra modi

प्रमुख भारतीय कम्पनियों को पिछले दिसंबर से प्रभावी नए नियमों के तहत सभी एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए कम से कम अतिरिक्त 4,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।

वाशिंगटन: प्रमुख भारतीय कम्पनियों को पिछले दिसंबर से प्रभावी नए नियमों के तहत सभी एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए कम से कम अतिरिक्त 4,000 डॉलर का भुगतान करना होगा। यह बात अमरीकी एजैंसी द्वारा प्रकाशित ब्यौरे में कही गई है।  ब्यौरे के मुताबिक एल-1 वीजा याचिका के लिए आवेदन करने वालों को नए कानून के मुताबिक 4,500 डॉलर का अधिक भुगतान करना होगा। यह कानून 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी होगा।  

 

एच-1बी वीजा के तहत अमरीकी नियोक्ताओं को अमरीका में विशेष योग्यता प्राप्त विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की मंजूरी होगी जबकि एल-1 वीजा उन अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा जिनके कार्यालय अमरीका और विदेश दोनों जगहों पर हैं। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियां जो इन नियमों को भेदभावपूर्ण बताती हैं उनपर करीब 40 करोड़ डॉलर सालाना का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी यह मामला उच्चतम स्तर पर उठा चुके हैं। अमरीकी संघीय नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) ने आज अपनी वैबसाइट पर बढ़ी हुई शुल्क की जानकारी मुहैया कराई। इसमें कहा गया है कि एच-1बी वीजा आवेदकों को यदि कम्पनी के अमरीका में 50 या अधिक कर्मचारी हैं, को 4,000 डॉलर के अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा। वही जो कर्मचारी एल-1 वीजा के लिए आवेदन करेंगे उन्हें 4,500 डॉलर का अतिरिक्त शुल्क अदा करना होगा। 

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