Edited By ,Updated: 27 May, 2016 07:11 PM
डेनमार्क की जोआना पलानी 2014 में अचानक कॉलेज छोड़कर इराक चली गई थी, ताकि आतंकी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) के खिलाफ जंग लड़ सके।
डेनमार्कः डेनमार्क की जोआना पलानी 2014 में अचानक कॉलेज छोड़कर इराक चली गई थी, ताकि आतंकी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) के खिलाफ जंग लड़ सके। जोआना के लिए यह फैसला आसान नहीं था क्योंकि उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने का फैसला लिया था. दूसरे इसके लिए उन्होंने अपने देश की सरकार को जानकारी भी नहीं दी थी।
नहीं अाना चाहती थी घर
दरअसल जोआना पलानी डेनमार्क की वह लड़की है जिसने एक साल तक सीरिया में आईएस और असद की सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। नवंबर 2014 में डेनमार्क को छोड़ने के बाद उन्होंने ‘पीपल प्रोटेक्शन यूनिट’ को जॉइंन कर लिया। इसके बाद वह कुर्दिश की स्थानीय सरकार की सेना में शामिल हो गईं। इस दौरान जोआना को लगातार खतरों का सामना करना पड़ा, परंतु वह घर वापिस नहीं अाना चाहती थी।
..तो मुझे गर्व होता
अपने एक साल के अनुभव को साझा करते हुए जोआना ने कहा, आईएस आतंकियों को मारना बहुत आसान है। आईएस के लड़ाके क्लोरीन गैस, बेरल बम और वैक्यूम बम से हमला करते हैं। जोआना का कहना है कि सीरिया में कुर्द डेमोक्रेसी और अपनी वैल्यूस के लिए लड़ रहे थे। अगर मैं वहां पकड़ी जाती या मर जाती, तो मुझे गर्व होता। हालांकि वह डेनमार्क पुलिस से बेहद नाराज है, क्याेंकि उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और कहा गया कि दाेबारा एेसा करने पर उसे सजा दी जाएगी। दरअसल, डेनमार्क में नागरिकों को टेरर ग्रुप्स में शामिल होने से रोकने के लिए नया कानून बनाया गया है।