Edited By ,Updated: 27 May, 2016 07:11 PM
हरियाणा के राज्य में 10 साल में पहली बार हुआ है की दिसंबर 2015 तक लड़कियों की संख्या 900 के आंकड़े को पार कर गए है। हरियाणा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ‘ कार्यक्रम के तहत किये गये प्रयासों से हरियाणा के फीमेल सेक्स आंकड़ों में सुधार देखा गया है।
चंडीगढ़ : हरियाणा के राज्य में 10 साल में पहली बार हुआ है की दिसंबर 2015 तक लड़कियों की संख्या 900 के आंकड़े को पार कर गए है। हरियाणा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ‘ कार्यक्रम के तहत किये गये प्रयासों से हरियाणा के फीमेल सेक्स आंकड़ों में सुधार देखा गया है। साथ ही इसके अलावा, सुकन्या समृद्घि योजना के अंतर्गत प्रदेश में 2 लाख 63 हजार खाते खोले गये हैं। हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती रेनू एस. फूलिया ने आज बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमें बालिकाओं के पक्ष में मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें मिलजुल कर काम करना होगा।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम की शुरूआत पहले देश के 100 जिलों में की गई थी जिसमें प्रदेश के 12 जिले शामिल किये गये थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में घटते लिंगानुपात की समस्या को कम करने तथा लड़कियों के प्रति सोच को बदलने के उद्देश्य से चलाई जा रही ‘आपकी बेटी- हमारी बेटी’ योजना के अंतर्गत अब तक 18900 बालिकाओं को लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीसी-पीएनडीटी एक्ट तथा एमटीपी एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इस एक्ट के तहत अब तक 217 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 45 केन्द्रों के द्वारा का पंजीकरण रद्द किया गया है तथा 57 केन्द्रों को सील किया गया है।
इसके साथ है, 12 और जिलों में दिसंबर तक 900 के निशान से ऊपर लिंग अनुपात दर्ज की गई है। सिरसा में इसमें सबसे अव्वल रहा है, जहां 1,000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 999 हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमारा लक्ष्य अगले छह महीने के भीतर पूरे राज्य में 950 से ऊपर लिंग अनुपात हासिल करना है।